Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

छतीसगढ़ मे खदान के आबंटन निश्चित अवधि किए जाने के उपरांत भी रेट और पत्थर कि अवैध खनन निरंतर जारी है : सांसद चुन्नीलाल

महासमुंद सांसद चुन्नीलाल ने लोक सभा मे लिखित मे सदन के पटल पर रखी बात

महासमुंद– छतीसगढ़ मे खदान आवंटन की निश्चित अवश्ि पश्चात भी निथमों को ताक में रखकर रेत और पत्थर का अवैध खनन जारी है। नदियों से रेत ठेकेदारों द्वारा चैन माउंटेन से रेत का बेखोफ़ उत्खनन किया जा रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रियूनल के आदेशों की अवहेलना की जा रही है। इस अविध कार्य पर रोक लगाने मे विभागीय अफसर भी नाकाम रहे है।

छतीसगढ़ की जीवन दायिनी महानदी व तंदुला नदी या अन्य प्रमुख नदियों से खनिज विभाग द्वारा ठेकेदारी प्रथा के अनुसार खदान आवंटित किया गया है। परंतु रेत व पत्थर खनन के साथ विभागीय नियमों का भी पालन होना चाहिए। अवैध रूप से गाडिय़ों मे ओव्हर लोडिंग की जाती है जिससे परिवहन सड़कों की हालत बहुत ही खराब हो चुकी है।

खराब सड़कों के रख-रखाव एवं संधारण हेतु जन-प्रतिनिधियों एवं ग्रामवासियों द्वारा विरोध जताने या केस दर्ज करने पर रेत- माफियाओं द्वारा उन पर प्राण घातक हमले होते है। रेत और पत्थर माफियाओं की मनमानी छतीसगढ़ मे किसके संरक्षण मे चल रही है, जांच का विषय है। ऐसे ही खनिज विभाग उदासीन रहा तो ठेकेदारों की मनमानी से पर्यावरणीय नुकसान होता अत: सरकार से अनुरोध है कि उपरोक्त संबंध मे शीघ्र जांच कराकर उचित कार्यवाही हेतु।

आज लोक सभा मे नियम 377 के तहत सदन का ध्यान करते हुए विपक्ष का शोर शराबे के बीच सभापति के आदेशानुसर लिखित मे सदन के पटल पर रखा कि छतीसगढ़ मे खदान के आबंटन निश्चित अवधि तक किए जाने के उपरांत भी नियम को ताक मे रखकर रेट और पत्थर कि अवैध खनन निरंतर जारी है नदियो से ठेकेदारों दवारा चैन माउंटेन से रेट का बेखौंफ उत्खनन व भंडारण किया जा रहा है इस अवैध कार्य को अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होना प्रतीत हो रहा है।

छतीसगढ़ कि जीवांदायिनी महानदी एवं अन्य प्रमुख नदियों से विभाग दवारा ठेकेदारी प्रथा कअनुसार खदान आवंटित किया गया है परंतु रेट व पत्थर खनन मे विभागीय नियमों का पालन होना चाहिए किन्तु अवैध रूप से ग्रामीण सड़कों पर ओव्हरलोंडिंग वाहनो से परिवहन होने सड़कों कि हालत जर्जर हो चुकी है। खराब सड़कों के रख-रखाव एवं संधारण हेतु जनप्रतिनिधि एवं ग्रामवासियों द्वारा विरोध या शिकायत करने पर माफियाओं के लोगों के दवारा शिकायतकर्ताओं पर हमले भी किए जा चुके है इस प्रकार रेट और पत्थर के अवैध खनन के पीछे किसका संरक्षण प्राप्त है छतीसगढ़ सरकार को चंच कर जनता के सामने स्पष्ट करनी चाहिए। ऐसी अवैध संचालन होती रही तो ठेकेदारों किमनमानी के चलते पर्यावरण को नुकसान होगी।