लखनऊ जिला प्रशासन की टीम ने 45 प्राइवेट अस्पतालों में छापेमारी की26 अस्पतालों को 24 घंटे में संतोषजनक जवाब न देने पर सीलिंग की चेतावनीएक अस्पताल के ओटी की फ्रिज में दवा की जगह मिलीं बीयर की बोतलेंलखनऊ जिला प्रशासन की जांच में 26 निजी अस्पताल ऐसे मिले हैं, जो मानकों को दरकिनार कर चल रहे हैं। सोमवार को हुई छानबीन में कहीं डॉक्टर नहीं मिले तो कहीं मानके के मुताबिक सुविधाएं नहीं हैं।
जिला प्रशासन की टीम ने सोमवार को करीब 45 निजी अस्पतालों की छानबीन की। कई जगह मौके पर डॉक्टर नहीं मिले तो कुछ में चिकित्सीय सुविधाएं मानक के अनुसार नहीं थीं। कुछ अस्पतालों में फर्स्ट और सेकेंड ईयर के छात्र नर्सिंग और ओटी टेक्निशन का काम करते मिले। हरदोई रोड स्थित तुलसी ऐंड ट्रॉमा सेंटर के कर्मचारी बिल पंजिका भी नहीं दिखा सके। लाइसेंस की वैद्यता भी समाप्त थी।
जांच के दौरान मेडिप्लस ऐंड ट्रॉमा सेंटर और लक्ष्य कैंसर हॉस्पिटल में भी अनियमितता मिली। यहां 20 बेड की जगह 31 बेड थे। मरीज जमीऊरहमान की कीमोथेरेपी की फाइल बनी थी, लेकिन न तो उनका इलाज हुआ और न ही डिस्चार्ज का समय दर्ज था। अस्पताल प्रबंधन की ओर से डॉ. समीर बेग को ऑन कॉल बुलाया जाता है, जबकि अस्पताल के दस्तावेज में उनका जिक्र नहीं है। इसी तरह हिन्द हास्पिटल, सीतापुर रोड के चंद्रा हॉस्पिटल, हिम सिटी हॉस्पिटल, हरदोई रोड स्थित मॉडर्न हॉस्पिटल मैटरनिटी ऐंड ट्रॉमा सेंटर में भी खामियां मिलीं।
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