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पीसीएस जे 2018 में मॉडरेशन को चुनौती इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। कोर्ट ने बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है। प्रियंका चौधरी व अन्य अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति सुनीत अग्रवाल और न्यायमूर्ति मंजूरानी ठाकुर की पीठ ने सुनवाई की। याचिका में आरोप लगाया है कि लॉ पेपर सेकंड में उन्हें उत्तर पुस्तिका में ज्यादा अंक मिले, लेकिन मार्क शीट में मॉडरेशन के चलते नंबर कम कर दिए गए, जिससे इंटरव्यू में शामिल होने के बावजूद फाइनल सेलेक्शन नहीं हुआ। याचीगण का कहना है कि मॉडरेशन के तहत अधिकतम दस प्रतिशत अंक ही मूल प्राप्तांक से घटा या बढ़ा सकते हैं। याचियों आरोप है
गौरतलब है कि पीसीएस जे 2018 मेंस का रिजल्ट 13 जून 2019 को घोषित हुआ था। इंटरव्यू के बाद अंतिम परिणाम 20 जुलाई 2019 को घोषित किया गया। याची शोभा सागर ने कहा कि उन्हें लॉ पेपर सेकंड में आंसर शीट में 91 नंबर मिले, लेकिन मार्कशीट में अंक कम कर 74 कर दिया गया। इसी प्रकार से याची सोनल सोनी ने कहा कि उन्हें आंसर शीट में 100 अंक मिले, लेकिन मार्क शीट में 16 प्रतिशत अंक कम कर 84 कर दिया गया, जिससे इंटरव्यू के बाद भी याचियों का सेलेक्शन नहीं हुआ।
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