![](https://paw1xd.blr1.cdn.digitaloceanspaces.com/lokshakti.in/2024/06/default-featured-image.webp)
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शादी होते हुए दूसरी महिला के साथ लिव इन रिलेशन में रहने वाले सरकारी कर्मचारी की सेवा से बर्खास्तगी को गलत करार दिया है। कोर्ट ने माना कि सेवा से बर्खास्तगी एक कठोर दंड है। बर्खास्तगी को रद़द करते हुए कोर्ट ने कहा है कि याची को सेवा में फिर से बहाल किया जाए और विभाग चाहे तो इूसरा कोई मामूली दंड दे सकता है। गोरेलाल वर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने यह आदेश दिया है।
याचिका में कहा गया कि गोरेलाल का विवाह लक्ष्मीदेवी से हुआ है जो कि जीवित है, मगर वह हेमलता वर्मा के साथ लिव इन रिलेशन में रहता है और दोनों को तीन बच्चे भी हैं। इस आधार पर 31 अगस्त 2020 को उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इस आदेश के खिलाफ उसने विभागीय अपील दाखिल की । अपील भी खारिज कर दी गई। विभाग का मानना है कि उसका यह कार्य सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 और हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है।
More Stories
अयोध्या रामलला लाइव दर्शन 16 जुलाई: ब्रह्मांड नायक श्री रामलला सरकार का दिव्य श्रृंगार, यहां देखिए प्रातः कालीन आरती दर्शन
बार-बार शराब पीने के बाद दो पुलिसकर्मियों ने सर्विस रिवॉल्वर से की फायरिंग, दोनों को गिरफ्तार होते ही मिली जमानत
जीएसटी के सीनियर कमिश्नर की पत्नी ने की आत्महत्या: घर में फंदे पर लटकी मिली लाश, मृतिका का भाई बोला- ससुराल वालों ने मार डाला