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लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा समर्थित संगठन के आतंकियों ने एटीएस की पूछताछ में चार जिलों से कारतूस और असलहे खरीदने की बात कबूल की थी। इस बात का जिक्र एटीएस ने कोर्ट में दाखिल प्रार्थना पत्र में किया है। आतंकियों ने बताया कि वे कानपुर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और चंदौली से असलहे और कारतूस खरीदे थे।
ऐसे में सवाल इस बात का है कि इसकी भनक जिला पुलिस से लेकर अन्य एजेंसियों को क्यों नहीं लग पाई है। आतंकियों को असलहा आपूर्ति के तार चंदौली से जुड़ने की बात सामने आने पर अब सुरक्षा तंत्र की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है।
मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के चौरहट गांव से दो वर्ष पूर्व आर्मी इंटेलिजेंस और एटीएस की संयुक्त टीम राशिद को आईएसआई एजेंट के रूप में गिरफ्तार किया था। वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए रेकी करता था। इसके बाद से जिले में आतंकियों संगठनों के समर्थकों की पनाहगाह होने की सुगबुगाहट तेज हो गई थी। वहीं हाल ही में पकड़े आतंकी समर्थकों द्वारा असलहों की खरीद में चंदौली का नाम सामने आने के बाद से मामला और अधिक गंभीर हो गया है।
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