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उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मियों की सीधी भर्ती के खिलाफ याचिका

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग में हेल्थ वर्कर वा अन्य कर्मचारियों की सीधी भर्ती के लिए उ प्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित  प्रारंभिक योग्यता परीक्षा की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार  व आयोग से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। याची का कहना है कि 2018 की नियमावली से पहले यह नियुक्तियां आयोग के दायरे से बाहर थी। बैच वार वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति की जाती थी। याचिका में नियमावली के कुछ उपबंधों को चुनौती दी गई है। याचिका की सुनवाई 13अगस्त को होगी। कोर्ट ने कहा है

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग में हेल्थ वर्कर वा अन्य कर्मचारियों की सीधी भर्ती के लिए उ प्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित  प्रारंभिक योग्यता परीक्षा की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार  व आयोग से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। याची का कहना है कि 2018 की नियमावली से पहले यह नियुक्तियां आयोग के दायरे से बाहर थी। बैच वार वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति की जाती थी। याचिका में नियमावली के कुछ उपबंधों को चुनौती दी गई है। याचिका की सुनवाई 13अगस्त को होगी। कोर्ट ने कहा है कि परीक्षा परिणाम याचिका के निर्णय की विषय वस्तु होगा।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर की खंडपीठ ने प्रियंका शुक्ला व 11 अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता संजय कुमार ओम व रवि प्रकाश शुक्ल ने बहस की। इनका कहना है कि याचीगण आक्सिलरी नर्स मेडवाइफ के रूप में संविदा पर कार्यरत है। पहले नियम था कि हेल्थ वर्कर पद पर बैच वार वरिष्ठता के आधार पर इनकी नियुक्ति की जायेगी। हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर कोर्ट के आदेश पर नियुक्ति की गई है। अब नियमावली से आयोग से चयन के आधार पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है। जिसे चुनौती दी गई है। कोर्ट ने राज्य सरकार व आयोग से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है।