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कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की ओर से हाल में ही जारी संयुक्त स्नातक स्तरीय (सीजीएल) 2019 टियर-2 परीक्षा के अंकों के नार्मलाइजेशन में परीक्षार्थियों ने अंक कम करने का आरोप लगाया है। कहा है कि क्वांटेटिव एबिलिटी विषय के अंक में नार्मलाइजेशन के चलते परीक्षार्थियों के 350 अंक कम हो गए। परीक्षार्थी अजित सोनकर को 153.50 अंक मिले, उसे नार्मलाइज करके 8.87 अंक कर दिया गया। सीजीएल टियर-2 की परीक्षा 15, 16 एवं 18 नवंबर 2020 में हुई। परीक्षार्थियों ने आयोग की ओर से जारी जो अंकपत्र उपलब्ध कराया है, उसके अनुसार 15 एवं 16 नवंबर को हुई परीक्षा में अंक नार्मलाइज किए जाने के बाद क्वांटेटिव एबिलिटी में 95 अंक पाने वाले का अंक 160 हो गया। इसी प्रकार 104 अंक पाने वाले का 204 अंक हो गया। वहीं 18 नवंबर को परीक्षा में 152.5 अंक पाने वाले परीक्षार्थी के क्वांटेटिव एबिलिटी में 3.81 अंक हो गए। इसी प्रकार 137 अंक पाने वाले का माइनस 74.70 अंक और 70 अंक पाने वाले का माइनस 414.10 अंक हो गया। अंक नार्मलाइज किए जाने के बाद इन अभ्यर्थियों का चयन टियर-3 के लिए नहीं हो सका। इसके साथ दूसरे कई अभ्यर्थी हैं, जो नार्मलाइज करने के फेर में चयन से बाहर हो गए। चयन से बाहर हुए अभ्यर्थियों ने दिल्ली कैट में याचिका दाखिल की है। परीक्षार्थियों ने बताया कि पहली सुनवाई आठ जुलाई को हुई, अब एसएससी को अपना पक्ष रखने के लिए 22 जुलाई का समय दिया गया है। इन परीक्षार्थियों का कहना है कि एसएससी की परीक्षाओं में अंकों के नार्मलाइजेशन के कारण उनका कॅरियर खतरे में पड़ गया है। परीक्षार्थी इसको लेकर दिल्ली में सरकार में शामिल सांसद एवं मंित्रियों से मिलेंगे। उनके माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाएंगे।
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