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राजस्थान और हरियाणा की जेल में बंद कई बावरियों ने बदले हैं नाम

योगेश तिवारी, नोएडाबावरियों के एक्सेल गैंग के कुख्यात अनिल कालिया के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद भी आशंकाए अभी बाकी हैं। अब यह गैंग दोबारा से फिर यूपी में सक्रिय न होने पाए इसके लिए यूपी एसटीएफ राजस्थान और हरियाणा में वर्कआउट करेगी। इन दोनों प्रदेशों में पिछली बार पकड़े जाने के बाद जेल गए बावरियों की जानकारी एसटीएफ ने निकलवाई है। इसकी वजह ये है कि एसटीएफ को यह भी इनपुट मिला है कि पकड़े जाने के बाद कई बावरियों ने गैंग बचाने के लिए अपना नाम तक बदल दिया है। घुमंतू जाति के ये अपराधी पहचान छिपाने के लिए अमूमन किसी भी पहचान दस्तावेज से खुद को दूर रखते हैं। इसके बाद पकड़े जाने पर असली नाम व पिता का नाम नहीं बताते हैं।एसटीएफ सूत्रों की मानें तो यह गैंग रिश्तेदारियों में तेजी से फैला है। अब तक यूपी, हरियाणा और दिल्ली से बदमाशों को पकड़ा जा चुका है। इनकी रिश्तेदारी राजस्थान के अलवर एरिया में भी हैं

। वहां पर कुछ इस गैंग के बदमाश पिछले दिनों पकड़े गए हैं। वहीं हरियाणा में भी पकड़े गए हैं। वहां पर इन बदमाशों ने अपने गैंग को बचाने के लिए अपने नाम और पिता के नाम भी बदल दिए हैं। अब इनके वास्तविक नाम पता कर यह वर्कआउट और निगरानी करने की दरकार है कि ये फिर से दहशत का पर्याय न बनने पाए। फर्रुखाबाद के दो गांव पर भी आगे नजर रखी जाएगी। वहां इनकी घुमंतू जाति में पुलिस ने युवाओं को जागरूक भी किया है कि वह अपराध के रास्ते पर न चलें।हवा सिंह गैंग के एक बावरिये पर विशेष निगरानीएसटीएफ ने 2019 में गाजियाबाद से राजकिशोर बहेलिया नाम के एक बदमाश को गिरफ्तार किया था।

बताया जा रहा है कि यह भी एक सक्रिय बावरिया गैंग का बदमाश था। इसको पहले भी एसटीएफ ने पकड़ा था। तब इसने गोंडा की एक डकैती जिसमें हत्याएं हुई थीं कबूल नहीं की थी। फिर बाहर निकल कर ये वारदात करने लगा था। इसका भी बावरियों के एक्सेल गैंग से कनेक्शन है। राजकिशोर भी खतरनाक अपराधी होने के साथ घुमंतू जाति का गैंग बनाने में शातिर है। इसलिए एसटीएफ इस पर भी निगरानी बनाए हुए है। गनीमत ये है कि वह अभी जेल में है।जिस बाइक से कालिया चल रहा था उस पर था फर्जी नंबरकुख्यात अनिल कालिया की एसटीएफ व नोएडा पुलिस से सेक्टर-14 के पीछे शाहदरा नाले किनारे बुधवार को मुठभेड़ हुई थी। अनिल कालिया व उसका साथी नीले रंग की अपाचे पर सवार थे। अपाचे बाइक पर नंबर यूपी-16 दर्ज था। पुलिस के मुताबिक अब तक की जांच में यह सामने आया है कि वह नंबर फर्जी था। फिर भी आधिकारिक तौर पर इसकी पड़ताल करवाई जा रही है।