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कल्पना चावला की राह पर भारत की एक और बेटी, अंतरिक्ष के सफर पर जाएंगी सिरिशा बांदला

वर्जिन गैलेक्टिक के मालिक और मशहूर उद्योगपति रिचर्ड ब्रेनसन अंतरिक्ष की सैर करने जा रहे हैं
रिचर्ड 11 जुलाई को रवाना होंगे और उनके साथ भारत में जन्मी सिरिशा बांदला भी जा रही हैंq
भारत में जन्मी सिरिशा दूसरी ऐसी महिला हैं जो अंतरिक्ष के खतरनाक सफर पर जा रही हैं
वर्जिन गैलेक्टिक के मालिक और मशहूर उद्योगपति रिचर्ड ब्रेनसन अंतरिक्ष की सैर करने जा रहे हैं। रिचर्ड आगामी 11 जुलाई को अंतरिक्ष के सफर पर रवाना होंगे। इस दौरान उनके साथ भारत में जन्मी सिरिशा बांदला भी जा रही हैं। सिरिशा बांदला वर्जिन गैलेक्टिक कंपनी में सरकारी मामलों और शोध कार्य से जुडीं अधिकारी हैं। रिचर्ड के साथ 5 अन्य यात्री अंतरिक्ष की यात्रा पर जा रहे हैं। भारत में जन्मी सिरिशा दूसरी ऐसी महिला हैं जो अंतरिक्ष के खतरनाक सफर पर जा रही हैं।


रिशा बांदला आंध्र प्रदेश के गुंटूर की रहने वाली हैं। सिरिशा बांदला भारतीय मूल की दूसरी ऐसी महिला होंगी जो अंतरिक्ष के सफर पर जा रही हैं। इससे पहले कल्पना चावला अंतरिक्ष में गई थीं और दुर्भाग्यवश स्पेस शटल कोलंबिया की दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी। सिरिशा बांदला ने वर्ष 2015 में वर्जिन को जॉइन किया था और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
सिरिशा दूसरी ऐसी भारत में जन्मी महिला हैं जो अंतरिक्ष में जा रही
सिरिशा बांदला वर्जिन ऑर्बिट के वॉशिंगटन के कामकाज को भी देखती हैं। इसी कंपनी ने हाल ही में बोइंग 747 प्लेन की मदद से एक सैटलाइट को अंतरिक्ष में लॉन्च किया था। उन्होंने जार्जटाउन यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है। सिरिशा की एक रिश्तेदार रामाराव ने कहा, ‘निश्चित रूप से सबसे अच्छी बात यह होगी कि वह रिचर्ड के साथ अंतरिक्ष में जा रही हैं। हमें उस पर गर्व है। हम उसकी सुरक्षित यात्रा की कामना करते हैं।’

‘निश्चित रूप से सबसे अच्छी बात यह होगी कि वह रिचर्ड के साथ अंतरिक्ष में जा रही हैं। हमें उस पर गर्व है। हम उसकी सुरक्षित यात्रा की कामना करते हैं।’
ब्रेनसन की कंपनी ने बृहस्पतिवार की शाम घोषणा की उसकी अगली अंतरिक्ष उड़ान 11 जुलाई को होगी और इसके संस्थापक समेत छह लोग उस उड़ान का हिस्सा होंगे। यह अंतरिक्ष यान न्यू मेक्सिको से उड़ान भरेगा जिसमें चालक दल के सभी सदस्य कंपनी के कर्मचारी होंगे। वर्जिन गैलेक्टिक के लिए यह अंतरिक्ष तक जाने वाली चौथी उड़ान होगी। इस खबर से कुछ घंटे पहले बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन ने कहा था कि बेजोस 20 जुलाई को अंतरिक्ष में जाएंगे और उनके साथ एयरोस्पेस जगत की एक अग्रणी महिला होंगी जिन्होंने वहां जाने के लिए 60 वर्षों तक इंतजार किया है।

वैज्ञानिक अनुसंधान के नेतृत्व में महिलाओं की भूमिका बढ़ रही है
विज्ञान के नेतृत्व के रूप में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। हाल ही में एक सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दो हाल ही में सरकार द्वारा जारी की गयी डायरेक्टरी ऑफ एक्स्ट्रामुरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आर एंड डी) प्रोजेक्ट या बाह्य अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं की निर्देशिका 2018-19 रिपोर्ट के अनुसार बाह्य अनुसंधान समर्थन (सहकर्मी-समीक्षा प्रतिस्पर्धी अनुदान तंत्र के माध्यम से समर्थन) प्राप्त करने वाले अनुसंधान में महिला प्रधान जांचकर्ताओं (पीआई) की भागीदारी 2016-17 के दौरान 24% थी जो 2018-19 के दौरान बढ़कर 28% हो गयी।


रिपोर्ट से यह भी पता चला कि केंद्र सरकार द्वारा समकक्ष-समीक्षित प्रतिस्पर्धी अनुदान तंत्र के माध्यम से बाह्य अनुसंधान एवं विकास समर्थन या अनुसंधान एवं विकास समर्थन 2018-19 में 2091.04 करोड़ रुपए था, इसकी तुलना में 2017-18 में यह 2036.32 करोड़ रुपए था— इस तरह इसमें पिछले वर्ष की तुलना में 54.72 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई। समर्थित परियोजनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है, साथ ही पीआई की संख्या में भी वृद्धि हुई है। 2018-19 के दौरान 3,839 पीआई ने 4,616 परियोजनाओं में हिस्सा लिया, इसकी तुलना में 2017-18 में कुल 3,491 पीआई ने 4,137 परियोजनाओं में हिस्सा लिया था।
इस सहायता में से, 64 प्रतिशत परियोजनाएं आठ राज्यों को मिलीं, जिनमें तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इन परियोजनाओं को कुल वित्त पोषण का 71% हिस्सा मिला।