उत्तर प्रदेश में निजी स्कूलों द्वारा की जा रही फीस वसूली के खिलाफ अभिभावकों की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, यूपी बोर्ड, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड व विभिन्न निजी स्कूलों से जवाब मांगा है। साथ ही याचिका को आदर्श भूषण वाली जनहित याचिका के साथ संबद्ध करने का निर्देश दिया है। यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति एमएन भंडारी एवं न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने मुरादाबाद पैरेंट्स ऑफ़ आल स्कूल एसोसिएशन के सदस्यों (अनुज गुप्ता एवं अन्य) की याचिका पर अधिवक्ता शाश्वत आनंद व अंकुर आजाद और सरकारी वकील को सुनकर दिया है।अधिवक्ताओं ने बताया कि सरकारी वकील ने कहा कि सभी बोर्डों और स्कूलों में शुल्क विनियमन के लिए अदेश जारी किया गया है, जिसमें ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क लेने पर रोक है। इसपर अधिवक्ता शाश्वत आनंद ने कहा कि सरकार के आदेश के बाद भी फीस न जमा कर पाने के कारण बच्चों को स्कूलों से निकाला जा रहा है और ऑनलाइन कक्षाओं से वंचित किया जा रहा है।अभिभावकों का उत्पीड़न हो रहा है।
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