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नोएडा से वाराणसी तक ऐम्बुलेंस का वसूला 5 लाख रुपये चार्ज, DM ने दिए जांच के आदेश

नोएडा कोरोना मरीज को नोएडा से वाराणसी तक ले जाने के लिए ऐम्बुलेंस संचालक ने 5 लाख रुपये की वसूली की है। पीड़ित परिवार ने इसकी शिकायत की तो ऐम्बुलेंस का संचालन करने वाली कंपनी ने एक लाख रुपये वापस कर दिए, लेकिन परिवार इससे संतुष्ट नहीं है। इसको लेकर उन्होंने डीएम आरके सिंह से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की है। गाजियाबाद के डीएम ने डिप्टी कलेक्टर विनय सिंह जांच करने को कहा है। डीएम ने बताया कि वैसे यह मामला गाजियाबाद का नहीं है। उनका कहना है कि पीड़ित परिवार राजनगर एक्सटेंशन की एक ग्रुप हाउसिंग में रहता है। कोरोना संक्रमण का जब पीक चल रहा था, वह महीना अप्रैल था।

इसी बीच शिकायतकर्ता महिला के देवर कोविड-19 से ग्रसित हो गए, उन्हें गौतमबुद्धनगर के एक प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया, वहां उन्हें वेंटिलेटर बेड नहीं मिल सका। उस समय गाजियाबाद, नोएडा और आसपास के सभी अस्पतालों में वेंटिलेटर बेड की समस्या थी। ऐसे में किसी ने परिवार को सलाह दी कि वह वाराणसी के एक अस्पताल में उन्हें भर्ती करा दें। डीएम ने बताया कि इतनी दूर मरीज को ले जाने के लिए वेंटिलेटर युक्त ऐम्बुलेंस की जरूरत थी। आरोप है कि ऐम्बुलेंस सेवा देने वाली कंपनी ने पीड़ित परिवार से 5 लाख रुपये वसूल किए। यह चार्ज 25 अप्रैल को किया गया। ऐसे में पीड़िता ने ऐम्बुलेंस कंपनी की शिकायत डीएम गाजियाबाद आरके सिंह से की। उन्होंने बताया कि शिकायत होने के बाद ऐम्बुलेंस कंपनी एक लाख रुपये वापस कर चुकी है।परिवार ने रुपये वापस करने की मांग की परिवार चाहता है कि अब भी गौतमबुद्धनगर से बनारस तक ऐम्बुलेंस का चार्ज 4 लाख रुपये काफी ज्यादा है। उनकी मांग है कि कंपनी और पैसा वापस करे। डीएम ने बताया कि जांच अब डिप्टी कलेक्टर विनय सिंह को दी गई है। उनका कहना है कि अगर कंपनी और पैसा वापस कर पीड़ित परिवार को राहत नहीं देती है तो उसकी जांच गौतमबुद्धनगर से कराने के लिए पत्र लिखा जाएगा।