नोएडासैमसंग कंपनी ने नोएडा में अपनी डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को तैयार कर लिया है। कोरोना महामारी के दौरान पिछले साल चीन से उत्तर प्रदेश ने डिस्प्ले यूनिट को छीना है। इससे पहले जर्मनी की फुटवियर कंपनी भी चीन से आगरा आ चुकी है। सैमसंग की डिस्प्ले यूनिट में करीब तीन हजार लोगों को रोजगार मिला है, जबकि 10 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।रविवार को सैमसंग (Samsung) कंपनी का एक प्रतिनिधिमंडल उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से मुलाकात की।
सीएम योगी ने कहा कि सैमसंग की नोएडा यूनिट ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की सफलता का उदाहरण है। युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। दक्षिण कोरिया और वियतनाम के बाद सैमसंग की तीसरी यूनिट दुनिया में नोएडा में लगाई गई है। इस डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का निर्माण 2019 में शुरू हुआ था। दो साल से कम समय में सैमसंग ने अपनी यूनिट तैयार कर ली है।इससे पहले यह यूनिट चीन में स्थापित थी। दक्षिण कोरिया, वियतनाम के बाद ओएलईडी तकनीक से निर्मित मोबाइल डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग करने वाला भारत दुनिया का तीसरा बड़ा देश बन जाएगा। दरअसल, मोबाइल फोन, टीवी, घड़ियों, टैबलेट आदि में इस्तेमाल होने वाली डिस्प्ले का उत्पादन अभी तक सैमसंग कंपनी की तरफ से 70 प्रतिशत से अधिक चीन, वियतनाम और दक्षिण कोरिया में किया जा रहा है।सैमसंग कंपनी की दोनों यूनिट में लगभग 10 हजार करोड़ के निवेश होगा। साथ ही यहां हर माह तीस लाख डिस्प्ले उत्पादन करने की योजना है। सैमसंग ने 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग के लिए निवेश परियोजना के लिए एमओयू किया था।
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