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उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में राजनीतिक पंड़ितों की भविष्यवाणी से परे शनिवार को जिले में बड़ा राजनतिक उलटफेर हुआ। एक दिन पहले तक समाजवादी पार्टी के आंखों की किरकिरी बने पूर्व मंत्री और बसपा के कद्दावर नेता अंबिका चौधरी के पुत्र आनंद चौधरी ने समाजवादी पार्टी (सपा) का दामन थाम लिया है। वह वार्ड नंबर-45 से जिला पंचायत सदस्य भी हैं। वहीं, थोड़ी देर बाद ही उनके पिता अंबिका चौधरी ने भी बसपा छोड़ दी।मायावती को भेजे इस्तीफे में पूर्व मंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 को लोकसभा चुनाव के बाद से पार्टी में उन्हें कोई दायित्व नहीं दिया जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि पार्टी में मैं उपेक्षित और अनुपयोगी हो गया हूं। मेरे पुत्र को सपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी बनाया है। इसलिए मैंने अपना इस्तीफा मायावती को भेज दिया है। सपा सूत्रों की मानें तो एक-दो दिन में अंबिका चौधरी भी सपा की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं।साइकिल की सवारी करने के साथ ही पार्टी ने आनंद को लगे हाथ घर वापसी का तोहफा दे दिया। सपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर दिया। इससे जहां समाजवादियों का खेमा गदगद है, वहीं अन्य दल सकते में नजर आ रहे हैं। बसपा कार्यकर्ताओं में मायूसी का आलम है। एक-दो दिन में अंबिका चौधरी के बारे में भी बड़ी घोषणा हो सकती है।
आनंद चौधरी को सपा ज्वाइन कराने और पार्टी का अधिकारिक उम्मीदवार बनाने की कवायद लखनऊ में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम की मौजूदगी में जिलाध्यक्ष राजमंगल यादव के द्वारा की गई। कहा जा रहा है कि इसमें महाराष्ट्र के सपा प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक अबू आजमी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय और एक पूर्व पदाधिकारी की अहम भूमिका रही।बता दें कि बहुजन समाज पार्टी ने आनंद चौधरी को जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए उम्मीदवार घोषित कर रखा था, लेकिन तेजी से बदले घटनाक्रम के बाद जहां बसपा खेमे में मायूसी छा गई है। वहीं, अन्य दलों की रणनीति भी धराशाई होती नजर आ रही है।
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में राजनीतिक पंड़ितों की भविष्यवाणी से परे शनिवार को जिले में बड़ा राजनतिक उलटफेर हुआ। एक दिन पहले तक समाजवादी पार्टी के आंखों की किरकिरी बने पूर्व मंत्री और बसपा के कद्दावर नेता अंबिका चौधरी के पुत्र आनंद चौधरी ने समाजवादी पार्टी (सपा) का दामन थाम लिया है। वह वार्ड नंबर-45 से जिला पंचायत सदस्य भी हैं। वहीं, थोड़ी देर बाद ही उनके पिता अंबिका चौधरी ने भी बसपा छोड़ दी।
मायावती को भेजे इस्तीफे में पूर्व मंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 को लोकसभा चुनाव के बाद से पार्टी में उन्हें कोई दायित्व नहीं दिया जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि पार्टी में मैं उपेक्षित और अनुपयोगी हो गया हूं। मेरे पुत्र को सपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी बनाया है। इसलिए मैंने अपना इस्तीफा मायावती को भेज दिया है। सपा सूत्रों की मानें तो एक-दो दिन में अंबिका चौधरी भी सपा की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं।
साइकिल की सवारी करने के साथ ही पार्टी ने आनंद को लगे हाथ घर वापसी का तोहफा दे दिया। सपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर दिया। इससे जहां समाजवादियों का खेमा गदगद है, वहीं अन्य दल सकते में नजर आ रहे हैं। बसपा कार्यकर्ताओं में मायूसी का आलम है। एक-दो दिन में अंबिका चौधरी के बारे में भी बड़ी घोषणा हो सकती है।
आनंद चौधरी को सपा ज्वाइन कराने और पार्टी का अधिकारिक उम्मीदवार बनाने की कवायद लखनऊ में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम की मौजूदगी में जिलाध्यक्ष राजमंगल यादव के द्वारा की गई। कहा जा रहा है कि इसमें महाराष्ट्र के सपा प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक अबू आजमी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय और एक पूर्व पदाधिकारी की अहम भूमिका रही।बता दें कि बहुजन समाज पार्टी ने आनंद चौधरी को जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए उम्मीदवार घोषित कर रखा था, लेकिन तेजी से बदले घटनाक्रम के बाद जहां बसपा खेमे में मायूसी छा गई है। वहीं, अन्य दलों की रणनीति भी धराशाई होती नजर आ रही है।
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