मयंक श्रीवास्तव, अयोध्याअयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर विस्तार को लेकर शुरू हुआ विवाद बढ़ता जा रहा है। राजनीतिक पार्टियों के बाद अब रामालय ट्रस्ट के अविमुक्तेश्वरानंद ने भी मोर्चा खोल दिया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी के खिलाफ जांच के लिए डीएम को ज्ञापन दिया। राम जन्मभूमि (Ram Janmabhoomi) परिसर में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण के साथ परिसर के विस्तार को लेकर प्रक्रिया की जा रही है। जिसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अभी तक फकीरे राम, कौशल्या भवन को खरीदा जा चुका है। इसके साथ ही परिसर से सटे अन्य लोगों को विस्थापित किए जाने के लिए अयोध्या में कई स्थान पर अतिरिक्त जमीन भी ली गई हैं। अयोध्या रेलवे स्टेशन (Ayodhya Railway Station) के पीछे स्थित बाग बघेश्वर क्षेत्र में 12080 वर्ग मीटर भूमि खरीदारी पर राजनीतिक पार्टियों ने ट्रस्ट पर दो करोड़ की भूमि 18.5 करोड़ में खरीदने का बड़ा आरोप लगाया है।
वहीं, इस मामले पर रामालय ट्रस्ट भी सामने आ गया है। रामालय के ट्रस्टी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने केंद्र सरकार से मांग की है कि ट्रस्ट भक्तों के पैसों में भ्रष्टाचार कर रहा है, इसका निराकरण होना चाहिए। इसके लिए ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय और सदस्य अनिल मिश्र पर जांच बैठाई जाए। उन्हें जांच होने तक पद से निलंबित किया जाए।मंदिर निर्माण के नाम पर तोड़े जा रहे रामकोट के प्राचीन मंदिरवहीं, अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Avimukteshwaranand Saraswati) ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए कई वर्षों से हमारे पूर्वज संघर्ष करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के नाम पर रामकोट में प्राचीन मंदिरों को तोड़े जाने के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। जिसके लिए निर्मोही अखाड़ा के वकील रहे रंजीतलाल वर्मा को अपना अधिवक्ता तय किया है। अयोध्या के संतों को भी इस मुहिम में शामिल करने के लिए मुलाकात की गई है।
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