भ्रष्टाचार और आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में फरार चल रहे आईपीएस मणिलाल पाटीदार पुलिस के लिए अबूझ पहेली बनकर रह गए हैं। एक लाख का इनाम घोषित होने के बाद उनकी तलाश में एसटीएफ भी लगी है, लेकिन वह भी उन्हें खोज पाने में नाकाम रही। उधर फरार आईपीएस पर दर्ज मुकदमे की विवेचना में जुटी एसआईटी भी महीनों बाद भी उन्हें खोज पाने में नाकाम है।महोबा के पूर्व एसपी और फरार आईपीएस मणिलाल पाटीदार हाल ही में जोन के मोस्ट वांटेड की सूची में शामिल किए गए थे। एडीजी प्रयागराज जोन की संस्तुति पर उन पर एक लाख का इनाम घोषित किया गया था। प्रयागराज जोन में उनकेअलावा सिर्फ तीन लोग ही एक लाख केइनामी घोषित किए गए थे। इनमें से एक कुख्यात दस्यु सरगना चित्रकूट का गौरी यादव उर्फउदयभान यादव और प्रतापगढ़ जनपद के सभापति यादव व सुभाष यादव निवासी आसपुर देवसरा शामिल हैं। पूर्व एसपी पर दर्ज मामले की जांच जोनल एसआईटी के विवेचक आशुतोष मिश्र की ओर से की जा रही है।एसआईटी उनकेखिलाफ कोर्ट की अनुमति केबाद उनकेखिलाफ कुर्की का नोटिस तक चस्पा कर चुकी है।
लेकिन अब तक उनका कुछ पता नहीं चल सका है। अफसरों केनिर्देश पर कई टीमें महीनों तक फरार आईपीएस केराजस्थान के डूंगरपुर जनपद के सरौंदा थाना सगवाड़ा स्थित मूल निवास के अलावा हर संभावित ठिकानों पर तलाश में लगी रहीं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मामले में एसआईटी के विवेचक और प्रयागराज केएसपी क्राइम आशुतोष मिश्र ने बताया कि कोर्ट केआदेश पर फरार आईपीएस केखिलाफ 82 की कार्रवाई की जा चुकी है। जल्द ही कोर्ट में कुर्की की कार्रवाई केलिए अर्जी दी जाएगी।पिछले साल से चल रहे हैं फरारगौरतलब है कि महोबा के क्त्रस्शर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की वीडियो वायरल के बाद हुई संदिग्ध मौत की घटना से तत्कालीन एसपी पाटीदार विवादों में आ गए थे। मृतक के परिवारीजनों ने एसपी पर हत्या कराने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। हालांकि एसआईटी की जांच में मणिलाल को भ्रष्टाचार में लिप्त होने और इंद्रकांत को आत्महत्या के लिए मजबूर किए जाने का दोषी बताया गया। फिलहाल निलंबित होने और मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही वह फरार हैं।
वह वर्ष 2014 बैच के आईपीएस हैं।कोर्ट ने भी दिया था आदेशपिछले दिनों पाटीदार केवकील की ओर से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार को निलंबित आईपीएस का पता लगाने का आदेश दिया था। याचिका में कहा गया था कि पाटीदार ने उससे वॉट्स एप काल के जरिये 15 नवंबर को संपर्क किया और कहा कि वह केस के सिलसिले में 27 नवंबर 20 को आ रहे हैं लेकिन वह नहीं आए। याचिका में आशंका जाहिर की गई है कि मणिलाल पाटीदार महोबा में एसपी थे। उन्होंने खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई की थीए जिससे कई बड़े अधिकारी उनसे नाराज हो गए हैं, तभी से वह लापता हैं। हो सकता है उन्हें अवैध रूप से निरुद्ध किया गया हो। इसलिए पाटीदार का पता लगाकर कोर्ट में पेश किया जाएए क्योंकि उनका जीवन खतरे में है। जिस पर कोर्ट ने कहा था कि पाटीदार पुलिस फोर्स के एसपी रैंक के अधिकारी रहे हैं। वह लापता हैंए जीवित हैं या नहीं, इसका पता लगाया जाना चाहिए। यह एक गंभीर मामला है, जिसका खुलासा होना ही चाहिए।
भ्रष्टाचार और आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में फरार चल रहे आईपीएस मणिलाल पाटीदार पुलिस के लिए अबूझ पहेली बनकर रह गए हैं। एक लाख का इनाम घोषित होने के बाद उनकी तलाश में एसटीएफ भी लगी है, लेकिन वह भी उन्हें खोज पाने में नाकाम रही। उधर फरार आईपीएस पर दर्ज मुकदमे की विवेचना में जुटी एसआईटी भी महीनों बाद भी उन्हें खोज पाने में नाकाम है।
महोबा के पूर्व एसपी और फरार आईपीएस मणिलाल पाटीदार हाल ही में जोन के मोस्ट वांटेड की सूची में शामिल किए गए थे। एडीजी प्रयागराज जोन की संस्तुति पर उन पर एक लाख का इनाम घोषित किया गया था। प्रयागराज जोन में उनकेअलावा सिर्फ तीन लोग ही एक लाख केइनामी घोषित किए गए थे। इनमें से एक कुख्यात दस्यु सरगना चित्रकूट का गौरी यादव उर्फउदयभान यादव और प्रतापगढ़ जनपद के सभापति यादव व सुभाष यादव निवासी आसपुर देवसरा शामिल हैं। पूर्व एसपी पर दर्ज मामले की जांच जोनल एसआईटी के विवेचक आशुतोष मिश्र की ओर से की जा रही है।
एसआईटी उनकेखिलाफ कोर्ट की अनुमति केबाद उनकेखिलाफ कुर्की का नोटिस तक चस्पा कर चुकी है। लेकिन अब तक उनका कुछ पता नहीं चल सका है। अफसरों केनिर्देश पर कई टीमें महीनों तक फरार आईपीएस केराजस्थान के डूंगरपुर जनपद के सरौंदा थाना सगवाड़ा स्थित मूल निवास के अलावा हर संभावित ठिकानों पर तलाश में लगी रहीं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मामले में एसआईटी के विवेचक और प्रयागराज केएसपी क्राइम आशुतोष मिश्र ने बताया कि कोर्ट केआदेश पर फरार आईपीएस केखिलाफ 82 की कार्रवाई की जा चुकी है। जल्द ही कोर्ट में कुर्की की कार्रवाई केलिए अर्जी दी जाएगी।
पिछले साल से चल रहे हैं फरार
गौरतलब है कि महोबा के क्त्रस्शर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की वीडियो वायरल के बाद हुई संदिग्ध मौत की घटना से तत्कालीन एसपी पाटीदार विवादों में आ गए थे। मृतक के परिवारीजनों ने एसपी पर हत्या कराने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। हालांकि एसआईटी की जांच में मणिलाल को भ्रष्टाचार में लिप्त होने और इंद्रकांत को आत्महत्या के लिए मजबूर किए जाने का दोषी बताया गया। फिलहाल निलंबित होने और मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही वह फरार हैं। वह वर्ष 2014 बैच के आईपीएस हैं।
पिछले दिनों पाटीदार केवकील की ओर से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार को निलंबित आईपीएस का पता लगाने का आदेश दिया था। याचिका में कहा गया था कि पाटीदार ने उससे वॉट्स एप काल के जरिये 15 नवंबर को संपर्क किया और कहा कि वह केस के सिलसिले में 27 नवंबर 20 को आ रहे हैं लेकिन वह नहीं आए। याचिका में आशंका जाहिर की गई है कि मणिलाल पाटीदार महोबा में एसपी थे। उन्होंने खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई की थीए जिससे कई बड़े अधिकारी उनसे नाराज हो गए हैं, तभी से वह लापता हैं। हो सकता है उन्हें अवैध रूप से निरुद्ध किया गया हो। इसलिए पाटीदार का पता लगाकर कोर्ट में पेश किया जाएए क्योंकि उनका जीवन खतरे में है। जिस पर कोर्ट ने कहा था कि पाटीदार पुलिस फोर्स के एसपी रैंक के अधिकारी रहे हैं। वह लापता हैंए जीवित हैं या नहीं, इसका पता लगाया जाना चाहिए। यह एक गंभीर मामला है, जिसका खुलासा होना ही चाहिए।
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