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बांदा जेल से फरार कैदी अंदर ही छिपा मिला, बाउंड्री से बाहर कूदने में हुआ घायल

रविवार रात हुआ था गायब, कृषि फार्म में घायल अवस्था में मिला कैदीबांस के सहारे भागने की फिराक में था कैदी, गिरने से कमर में लगी चोटबांदा जेल में ही बंद है पूर्वांचल का माफिया मुख्तार अंसारीनिशिकांत त्रिवेदी, लखनऊउत्तर प्रदेश की बांदा जेल में माफिया मुख्तार अंसारी बंद है। वहीं रविवार रात इसी जेल से बंदी के फरार होने की सूचना से जेल प्रशासन में हड़कंप मचा गया। साथ ही जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े हो गए। हालांकि 24 घंटे के अंदर उसे जेल परिसर के अंदर ही घायल अवस्था में छिपा हुआ पाया गया। जानकारी के मुताबिक, कैदी जेल से फरार होने की योजना में था। पुलिस के अनुसार, बांदा जेल में चर्चित बाहुबली मुख्तार अंसारी भी बंद है। इसी जेल से 22 साल का विजय आरख के रविवार को फरार होने की खबर से जेल प्रशासन से लेकर पुलिस विभाग के आलाधिकारियों में खलबली मच गई थी। रात भर फरार बंदी को जेल के चप्पे चप्पे में तलाशा गया, यही नहीं बांदा कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर पुलिस टीमों को फरार कैदी के ठिकानों पर रवाना भी कर दिया गया लेकिन सोमवार को दोबारा की गई छानबीन में फरार कैदी जेल परिसर के अंदर ही पाया गया। कृषि फार्म में करता था कामबंदी विजय आरख चोरी के मामले में 6 फरवरी को कारागार में लाया गया था।

विजय को जेल परिसर के कृषि फार्म में काम करने के लिए लगाया गया था। रविवार दोपहर अन्य बंदियों के साथ वह कृषि फार्म में काम कर रहा था और शाम को उन्ही बंदियों के साथ अपने बैरक में वापस लौटा लेकिन रात साढ़े 8 बजे जेल लॉकिंग के समय वह नहीं मिला। उसी वक्त जेल अलार्म बजाकर पूरे जेल के अंदर और बाहर छानबीन की गई लेकिन काफी जांच पड़ताल के बाद भी वह नहीं मिला। बांस टूटने की वजह से योजना हुई नाकामडीआईजी जेल प्रयागराज जोन संजीव कुमार त्रिपाठी के मुताबिक, सोमवार को कैदी के फरार होने की घटना पर वह जांच करने कारागार पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने जेल परिसर में फिर से खोजबीन शुरू करवा दी। तभी उन्हें डेप्युटी जेलर वीरेश्वर प्रताप सिंह ने आकर बताया कि बंदी जेल परिसर में ही बरामद कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि बंदी कृषि फार्म की बगिया में बड़ी बड़ी घास के नीचे छिपा हुआ था। डीआईजी जेल ने बताया कि कृषि फार्म में काम करते समय कैदी विजय ने एक बड़े बांस को देखा था। इसी बांस की सहायता से उसने जेल से फरार होने की योजना बनाई। बैरक की छत पर चढ़कर बांस की सहायता से विजय सर्किल वाल में तो कूद गया लेकिन नीचे गिर जाने की वजह से उसे गंभीर चोट आ गईं। अब खुद को कारागार की मुख्य दीवार कूदने के काबिल न पाकर पुलिस की ओर से मारे पीटे जाने के डर से रविवार रात से भूखा प्यासा छिपा बैठा था।