समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में प्रदेश में सबसे ज्यादा हालत किसानों की ही खराब हुई है। आर्थिक रूप से उस पर बहुत चोट हुई है। एक साल पहले काले कृषि कानूनों से जो बुनियाद रखी गई उससे पूरी कृषि अर्थव्यवस्था ही चौपट हो गयी। इसके विरोध में किसानों का बड़ा आंदोलन जारी है। किसानों के साथ सरकार छल कर रही है।अखिलेश यादव ने कहा कि दो गुनी आय का सपना दिखाने वाली सरकार ने किसानों को उनकी फसल का लाभकारी मूल्य ही नहीं दिया। गेहूं की एमएसपी 1975 रुपये प्रति कुंतल देने के बजाय किसानों को औने-पौने दामों पर बिचौलियों के हाथ गेहूं बेचना पड़ा। इससे पूर्व धान की फसल मामले में भी किसानों के साथ लूट हुई।गन्ना किसान तो प्रदेश में बुरी तरह मार खाया हुआ है। पेराई सीजन में भी उसके गन्ने की खरीद नहीं हुई। चीनी मिलों पर किसानों का 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का आज भी बकाया है। बकाये पर ब्याज का प्रावधान भी है पर जब मूलधन ही नहीं मिल रहा है तो ब्याज कौन देगा? किसान समृद्धि योजना भी चालू है लेकिन यह किसान को धोखा देने की नयी भाजपाई साजिश है। खाद की बोरियों की तौल में कमी करके और उसके दाम बढ़ाकर किसान के साथ खेल किया जा रहा है।डीजल के दाम बढ़ाने से किसान तो प्रभावित होता ही है, परिवहन महंगा होने से खाद्य वस्तुएं भी महंगी होने लगती हैं। एक तीर से अन्नदाता और अन्य उपभोक्ता दोनों को शिकार बनाने का यह भाजपाई षड्यंत्र है। भाजपा के विकास मॉडल की पोल खुल गई है।
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