उत्तर प्रदेश सिंधी अकादमी द्वारा चैरी-चैरा महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में आज दिनांक 6 जून 2021 को ऑनलाइन वेबीनार ष्सिंधी भाषा जो वाधारो कींअं कजें- सुझाव ऐं असांजूं कोशिशूष् विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अकादमी उपाध्यक्ष श्री नानक चंद लखमानी जी द्वारा वेबीनार में उपस्थित वक्ताओं अतिथियों का स्वागत करते हुए अकादमिक कार्यक्रमों एवं गतिविधियों के संबंध में अवगत कराया गया कि वर्तमान समय में कोविड-19 संक्रमण होने के कारण अकादमी द्वारा ऑनलाइन कार्यक्रमों का आयोजन किये जा रहें है ।कार्यक्रम के अंतर्गत ऑनलाइन संगोष्ठी, लोकगीत, सिंधी भगत, सिंधी छात्र प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है। इसी कड़ी में आज उक्त संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित की गई है ।
वेबीनार में 06 वक्ताओं क्रमशः श्री लीलाराम सचदेवा वाराणसी, श्री रमेश लालवानी वाराणसी, डॉक्टर तुलसी देवी फिरोजाबाद, सुश्री जानकी जेठवानी आगरा, श्रीमती पुष्पा मध्यान कानपुर, श्रीमती अनीता तेजवानी सीतापुर, द्वारा अपने अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए गए। वक्ताओं द्वारा अपने अपने वक्तव्य के माध्यम से सिंधी भाषा को बढ़ावा दिए जाने हेतु सुझाव दिए गए। सुझावों द्वारा मुख्य रूप से अवगत कराया गया कि प्रत्येक सिंधी जनों को अपने-अपने घरों में बच्चों से सिंधी भाषा में बोलना चाहिए इसके साथ ही सिंधी भाषा कला संस्कृति को बढ़ावा दिये जाने हेतु अकादमी द्वारा छात्रों के कार्यक्रमों, गीत संगीत, सिंधी भगत आदि कार्यक्रमों का आयोजन प्रदेश भर में करना चाहिए।
कार्यक्रम संचालन का कार्य श्रीमती स्वाती पंजवानी, लखनऊ द्वारा किया गया। अकादमी के निदेशक श्री कल्लू प्रसाद द्विवेदी जी द्वारा वेबीनार में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
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