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दुधवा नेशनल पार्क: गैंडा नेपोलियन के घर में आई खुशी, कल्पना और रोहिणी ने दिया दो शिशुओं को जन्म

लखीमपुर खीरी में दुधवा नेशनल पार्क के गैंडा पुनर्वासन योजना फेज टू में फिर खुशखबरी आई है। इस बार यहां दो मादा गैंडों ने कुछ दिनों के अंतराल में अलग-अलग दो बच्चों को जन्म दिया है। हालांकि अब तक गैंडा शिशुओं के लिंग की पहचान नहीं की जा सकी है। इन दोनों शिशुओं के जन्म के बाद दुधवा के गैंडा परिवार की संख्या बढ़कर 44 हो गई है।दुधवा नेशनल पार्क में सन 1984 से चल रही गैंडा पुनर्वासन योजना फेज टू में तीन दो मादा गैंडा और एक नर गैंडा नेपोलियन को रखा गया है। कल्पना और रोहिणी ने कुछ दिनों के अंतराल में एक-एक शिशु को जन्म दिया है। गैंडा पुनर्वासन क्षेत्र में पेट्रोलिंग करने वाली टीमों ने इन शिशुओं को देखकर इसकी जानकारी पार्क के अधिकारियों को दी। अब तक इन शिशुओं के लिंग की पहचान नहीं की जा सकी है। इनमें से एक मादा गैंडा कल्पना के शिशु की तस्वीर पार्क प्रशासन के अधिकारियों ने अपने मोबाइल में कैद कर ली है। इससे पहले फेज टू की ही हिमांगनी नामक मादा गैंडे ने मार्च में एक शिशु को जन्म दिया था, जिसकी कुछ समय बाद मौत हो गई थी। इससे पार्क प्रशासन मायूस था, लेकिन मई के मध्य में पार्क प्रशासन को दोगुनी खुशी मिली है।2018 में शुरू की गई थी गैंडा पुनर्वासन योजना फेज टू दुधवा नेशनल पार्क में गैंडा पुनर्वासन योजना वर्ष 1984 में शुरू की गई थी। 34 वर्षों में गैंडा परिवार की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हुई। हालत यह हुई कि संख्या के लिहाज से बांकेताल गैंडा पुनर्वासन योजना क्षेत्र छोटा पड़ने लगा। इससे इनब्रीडिंग की समस्या पैदा होने लगी। तब पार्क प्रशासन ने वर्ष 2018 में बेलरायां रेंज के भादीताल में 14 वर्ग किलोमीटर में गैंडों का एक नया घर तैयार किया। इसमें तीन मादा गैंडे हिमांगनी, कल्पना और रोहिणी के अलावा एक नर गैंडा नेपोलियन को रखा गया। तीन साल के अंदर तीनों मादाओं ने एक-एक शिशु को जन्म दिया है, लेकिन हिमांगनी के शिशु की मौत हो गई। मौजूदा समय में गैंडा पुनर्वासन योजना फेज टू में गैंडा परिवार की संख्या छह हो गई है, जबकि पूरे दुधवा में इनकी संख्या 44 है।दुधवा टाइगर रिजर्व के मुख्य वन संरक्षक/ फील्ड निदेशक संजय पाठक ने बताया कि गैंडा पुनर्वासन योजना फेज टू में मई के मध्य में दो मादा गैंडों, कल्पना और रोहिणी, ने एक-एक शिशु को जन्म दिया है। पेट्रोलिंग टीमों ने इसकी सूचना दी है। वन कर्मियों की टीमें दोनों मादा गैंडों और उनके शिशुओं की लगातार निगरानी कर रही हैं।