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कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश सरकार ने यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षा निरस्त कर दी है। इस निर्णय के बाद 29 लाख 94 हजार 312 कि विद्यार्थियों को 11वीं में प्रमोट कर दिया जाएगा और इस निर्णय का उन विद्यार्थियों को भी लाभ मिलेगा, जो पिछले साल हाईस्कूल की परीक्षा में फेल हो गए थे। इनकी संख्या तकरीबन साढ़े चार लाख है। वहीं, बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए कक्षा एक से आठ तक के छात्र-छात्राओं की कक्षोन्नति से संबंधित रिपोर्ट तलब की है।
हालांकि पिछले साल के मुकाबले इस बार हाईस्कूल में पंजीकृत विद्यार्थियों की संख्या कम है। पिछली बार हाईस्कूल में 3024480 विद्यार्थी पंजीकृत थे, जबकि इस बार 2994312 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। पिछले साल हाईस्कूल की परीक्षा में पंजीकृत विद्यार्थियों के मुकाबले 2772656 परीक्षार्थियों ने उपस्थिति दर्ज कराई थी और इनमें से 2309802 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए थे। वहीं, तकरीबन चार लाख 62 हजार विद्यार्थी हाईस्कूल की परीक्षा में फेल हो गए थे। फेल हुए विद्यार्थियों को इस साल दोबारा परीक्षा में शामिल होना था, लेकिन हाईस्कूल की परीक्षा निरस्त होने और सभी विद्यार्थियों को 11वीं में प्रमोट किए जाने के निर्णय का लाभ इन चार लाख 62 हजार विद्यार्थियों को भी मिलेगा।
उधर, बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर कहा है कि 31 मार्च 2021 को सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को कक्षा एक से आठ के परिषदीय विद्यालयों एवं निजी विद्यालयों में अध्ययनरत समस्त छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में प्रमोट करने के निर्देश दिए गए थे। संज्ञान में आया है कि कुछ जनपदों में कक्षा एक से आठ तक अध्ययनरत समस्त छात्र-छात्राओं की कक्षोन्नति की कार्यवाही पूरी नहीं की गई है। ऐसे में सभी परिषदीय एवं निजी विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं को कक्षोन्नति दी जाए और परिषद को इसकी रिपोर्ट भेजी जाए। इस आदेश के तहत प्रयागराज में भी चार लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को प्रमोट किया गया है।
अगले साल दें परीक्षा, पर परीक्षा वर्ष 2021 माना जाएगा
हाईस्कूल की परीक्षा भले ही निरस्त कर दी गई हो, लेकिन इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं की परीक्षा होगी। हालांकि अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर कोई परीक्षार्थी कोरोना संक्रमण के कारण कक्षा-12 की परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहा है तो उसे आगामी शैक्षणिक सत्र की बोर्ड परीक्षा में सम ्मिलित होने का अवसर दिया जाएगा, लेकिन परीक्षा वर्ष 2021 ही माना जाएगा।
कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश सरकार ने यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षा निरस्त कर दी है। इस निर्णय के बाद 29 लाख 94 हजार 312 कि विद्यार्थियों को 11वीं में प्रमोट कर दिया जाएगा और इस निर्णय का उन विद्यार्थियों को भी लाभ मिलेगा, जो पिछले साल हाईस्कूल की परीक्षा में फेल हो गए थे। इनकी संख्या तकरीबन साढ़े चार लाख है। वहीं, बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए कक्षा एक से आठ तक के छात्र-छात्राओं की कक्षोन्नति से संबंधित रिपोर्ट तलब की है।
हालांकि पिछले साल के मुकाबले इस बार हाईस्कूल में पंजीकृत विद्यार्थियों की संख्या कम है। पिछली बार हाईस्कूल में 3024480 विद्यार्थी पंजीकृत थे, जबकि इस बार 2994312 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। पिछले साल हाईस्कूल की परीक्षा में पंजीकृत विद्यार्थियों के मुकाबले 2772656 परीक्षार्थियों ने उपस्थिति दर्ज कराई थी और इनमें से 2309802 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए थे। वहीं, तकरीबन चार लाख 62 हजार विद्यार्थी हाईस्कूल की परीक्षा में फेल हो गए थे। फेल हुए विद्यार्थियों को इस साल दोबारा परीक्षा में शामिल होना था, लेकिन हाईस्कूल की परीक्षा निरस्त होने और सभी विद्यार्थियों को 11वीं में प्रमोट किए जाने के निर्णय का लाभ इन चार लाख 62 हजार विद्यार्थियों को भी मिलेगा।
उधर, बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर कहा है कि 31 मार्च 2021 को सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को कक्षा एक से आठ के परिषदीय विद्यालयों एवं निजी विद्यालयों में अध्ययनरत समस्त छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में प्रमोट करने के निर्देश दिए गए थे। संज्ञान में आया है कि कुछ जनपदों में कक्षा एक से आठ तक अध्ययनरत समस्त छात्र-छात्राओं की कक्षोन्नति की कार्यवाही पूरी नहीं की गई है। ऐसे में सभी परिषदीय एवं निजी विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं को कक्षोन्नति दी जाए और परिषद को इसकी रिपोर्ट भेजी जाए। इस आदेश के तहत प्रयागराज में भी चार लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को प्रमोट किया गया है।हाईस्कूल की परीक्षा भले ही निरस्त कर दी गई हो, लेकिन इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं की परीक्षा होगी। हालांकि अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर कोई परीक्षार्थी कोरोना संक्रमण के कारण कक्षा-12 की परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहा है तो उसे आगामी शैक्षणिक सत्र की बोर्ड परीक्षा में सम ्मिलित होने का अवसर दिया जाएगा, लेकिन परीक्षा वर्ष 2021 ही माना जाएगा।
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