शिव कुमार, शाहजहांपुरकोरोना काल मे इम्युनिटी बढ़ाने वाले फलों के दाम आसमान छू रहे हैं। कोरोना के चलते मरीजों के उपचार में खट्टे मीठे स्वाद वाले सभी फल कारगर माने जा रहे हैं। जिनमें प्राकृतिक रूप से विटामिन सी की मात्रा ज्यादा होती है। डॉक्टरों ने ऐसे फल खाने की सलाह देना शुरू किया तो इन सभी फलों की मांग भी बढ़ने लगी। इसके अलावा फलों की आवक भी कम हुई है। जिसकी वजह से फलों दाम बड़े हैं। बाजार में बिक रहे फलों की कीमत पर नज़र डालें तो सेब 180 रुपये किलो, संतरा 140 रुपये, हरा अंगूर 200 रुपये, काला अंगूर 240 रुपये, अनार 120 रुपये, लीची 120 रुपये, आड़ू 200 रुपये, सादा खजूर 2070 रुपये, खजूर कीमिया 400 रुपये, आम 60 रुपये, बेल 50 रुपये, पपीता 50 रुपये किलो, केला (एक दर्जन) 50 रुपये और एक कीवी 60 रुपये में बिक रही है। संतरा महंगा होने से अब वह गिने-चुने ठेलों पर ही दिखाई दे रहा है। फलों के दाम बढ़ने पर ग्राहक क्या कहते हैंग्राहकों का कहना है कि जब भी कोई आपदा आती है तो लोग इसे अवसर में बदलने की फिराक में लग जाते हैं। जिन चीजों की मांग बढ़ जाती है, उनके दाम भी बढ़ जाते हैं। ऐसे में परिवार के लोगों की यह मजबूरी है कि जब परिवार का कोई सदस्य बीमार होता है तो उसे महंगे फल भी खरीद कर खिलाना पड़ते हैं।कोरोना संक्रमण काल में युवा कोरियोग्राफर बेच रहा फल और जूसक्या कहते है फल बेंचने वाले दुकानदारफल बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि फलों के दाम आवक के अनुसार घटते-बढ़ते रहते हैं। फलों के थोक रेट से ही फुटकर के दाम तय किए जाते हैं। संतरा शुरुआत से ही बाजार में कम आया, लेकिन उसकी डिमांड ज्यादा है। जिसके चलते संतरे का दाम भी ज्यादा है। फलों के महंगे होने से ग्राहक भी कम हुए हैं।
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