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कानपुरकोरोना वायरस के बाद ब्लैक फंगस अपने तेवर दिखा रहा है। ब्लैक फंगस तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। कोरोना से स्वस्थ होने वाले मरीजों में ब्लैक फंगस का संक्रमण ज्यादा एक्टिव मोड पर है। ब्लैक फंगस ने आईआईटी के पीएचडी स्कॉलर छात्र की जान ले ली। फंगस से नाक और आंख पूरी तरह से संक्रमित हो चुकी थी। सर्जरी कर आंख निकाले जाने के बाद भी छात्र को नहीं बचाया जा सका, संक्रमण ब्रेन तक पहुंच चुका था। वहीं, दूसरी तरफ हैलट अस्पताल में टीचर की मौत हो गई। टीचर को कोरोना के साथ ही ब्लैक फंगस ने भी अपनी चपेट में ले लिया था।आईआईटी के पीएचडी स्कॉलर छात्र कवींद्र कुमार चतुर्वेदी फैजाबाद टिकरी बेदापुर गांव के रहने वाले थे। सन् 2019 में उन्होने आईआईटी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से पीएचडी में एडमिशन लिया था। कवींद्र कोरोना से स्वस्थ होने के बाद ब्लैक फंगस की चपेट में आ गए थे। उनका इलाज लखनऊ के एसजीपीजीआई में चल रहा था। डॉक्टरों ने उन्हें बहुत बचाने का प्रयास किया, लेकिन मंगलवार को दम तोड़ दिया। कवींद्र की पिछले वर्ष शादी हुई थी। आईआईटी कानपुर के डॉयरेक्टर प्रोफेसर अभय करदींकर ने ट्वीटर के माध्यम से कवींद्र के निधन की शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कवींद्र के इलाज में हर संभव मदद की गई। संस्थान के पूर्व फार्मा कंपनी के बोर्ड मेंबर की मदद से दवाएं उपलब्ध कराई गईं। इसके बाद भी कवींद्र को बचाया नहीं जा सका।सरकारी टीचर ने तोड़ा दमवहीं, विकास कुमार पटेल (29) फतेहपुर के रहने वाले थे। विकास हथगांव ब्लॉक के परिषदीय स्कूल में सहायक अध्यापक थे। बीते 26 अप्रैल को विकास की ड्यूटी पंचायत चुनाव में लगी थी। ड्यूटी से घर लौटने पर विकास को बुखार आ गया था। जांच कराने पर विकास की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। विकास को एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उपचार के दौरान ही उनकी आंख की रोशनी चली गई थी और आंखों के नीचे काले धब्बे पड़ गए थे। परिजनों ने ब्लैक फंगस जैसे लक्षण दिखने पर विकास को हैलट अस्पताल में शिफ्ट किया था। उपचार के दौरान विकास की कोविड आईसीयू में मौत हो गई।Black fungus News: नए रूप में सामने आया ब्लैक फंगस! कानपुर की महिला के मसूड़ों में मिली काली परतब्लैक फंगस सेंटर में रिसर्च शुरूकानपुर के ब्लैक फंगस सेंटर हैलट अस्पताल में 20 पेशेंट भर्ती हैं। जिनमें से 13 मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हो चकी है। ब्लैक फंगस का सेंटर बनाए जाने के बाद हैलट अस्पताल में विशेषज्ञों टीम रिसर्च में जुट गई है। इसके साथ ही व्हाइट फंगस के मरीजों की भी हिस्ट्री जुटाई जा रही है।
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