शहर के बहुचर्चित हत्याकांड में से एक डॉ. एके बंसल हत्याकांड के अनसुलझे राज अब जल्द ही खुलेंगे। डॉक्टर की हत्या में शामिल होने के आरोपी शूटर शोएब के खिलाफ कीडगंज पुलिस ने बी वारंट जारी करा लिया है। साथ ही इसे लखनऊ जेल जाकर तामील भी करवा दिया है। पुलिस का कहना है कि कोर्ट की अनुमति मिलते ही शूटर को नैनी जेल लाया जाएगा, जहां उससे पूछताछ कर अन्य राज उगलवाए जाएंगे।जीवन ज्योति अस्पताल के निदेशक डॉक्टर बंसल हत्याकांड का खुलासा बीते 5 अप्रैल को एसटीएफ ने किया था। टीम ने वारदात को अंजाम देने वाले दो शूटरों में से एक शोएब को लखनऊ में गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उसे लखनऊ जेल में ही निरुद्ध कर दिया गया था। खुलासे के वक्त एसटीएफ अफसरों ने बताया था कि बिहार के एडमिशन माफिया आलोक ने जेल में बंद दिलीप मिश्रा, अख्तर कटरा के जरिए प्रतापगढ़ निवासी अबरार मुल्ला से संपर्क किया और फिर उसके ही माध्यम से शूटर शोएब, मकसूद उर्फ जैद और यासिर को 70 लाख में हत्या की सुपारी दी।
दिलीप और अख्तर जेल में हैं जबकि यासिर की हत्या खुद अन्य दोनों शूटरों ने ही रुपयों के विवाद में कर दी थी। मामले में आलोक, मकसूद और अबरार वांछित हैं। इनकी तलाश में एसटीएफ के साथ ही मामले की विवेचना में जुटी कीडगंज पुलिस भी जुटी है। जिसने हत्याकांड से संबंधित राज के खुलासे के लिए शूटर शोएब के खिलाफ कोर्ट से बी वारंट जारी कराया है। साथ ही इसे लखनऊ जेल जाकर तामीला भी करवा दिया है। पुलिस अफसरों का कहना है कि कोर्ट की अनुमति मिलते ही शोएब को नैनी जेल लाया जाएगा। इसके बाद कस्टडी रिमांड पर लेकर उससे फरार आरोपियों के बारे में जानकारी हासिल की जाएगी। साथ ही हत्याकांड से संबंधित अन्य राज उगलवाए जाएंगे।
इन राजों का होना है खुलासा
अब तक वांछित आरोपियों को तो पकड़ा नहीं ही जा सका है, हत्याकांड से संबंधित कई राज भी नहीं खुल सके हैं। मसलन हत्या के बाद फरार होने और वारदात से पहले शहर में ठहरने व डॉक्टर बंसल की रेकी करने में शूटरों की मदद किसने की। हत्या में प्रयुक्त आला ए कत्ल की बरामदगी भी अब तक नहीं हो सकी है। सुपारी के तौर पर लिए गए 15 लाख रुपये का हिसाब भी अब तक नहीं मिल सका है। एसटीएफ ने सिर्फ यह बताया था की 5 लाख अबरार मुल्ला ने शोएब और मकसूद उर्फ जैद को दिया था जबकि 10 लाख अपने पास रख लिए थे।
फरार आरोपियों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कराने की तैयारी
उधर फरार चल रहे आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कराने की भी तैयारी है। सूत्रों का कहना है कि आलोक, मकसूद पर अन्य जनपदों में भी मुकदमे हैं। ऐसे में वह अन्य मामलों में जमानत तोड़वाकर सरेंडर कर सकते हैं। यही वजह है कि कीडगंज पुलिस अब उन पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। सूत्रों का कहना है कि बहुत जल्द पुलिस फरार आरोपियों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कराने के लिए कोर्ट में अर्जी देगी।
शहर के बहुचर्चित हत्याकांड में से एक डॉ. एके बंसल हत्याकांड के अनसुलझे राज अब जल्द ही खुलेंगे। डॉक्टर की हत्या में शामिल होने के आरोपी शूटर शोएब के खिलाफ कीडगंज पुलिस ने बी वारंट जारी करा लिया है। साथ ही इसे लखनऊ जेल जाकर तामील भी करवा दिया है। पुलिस का कहना है कि कोर्ट की अनुमति मिलते ही शूटर को नैनी जेल लाया जाएगा, जहां उससे पूछताछ कर अन्य राज उगलवाए जाएंगे।
जीवन ज्योति अस्पताल के निदेशक डॉक्टर बंसल हत्याकांड का खुलासा बीते 5 अप्रैल को एसटीएफ ने किया था। टीम ने वारदात को अंजाम देने वाले दो शूटरों में से एक शोएब को लखनऊ में गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उसे लखनऊ जेल में ही निरुद्ध कर दिया गया था। खुलासे के वक्त एसटीएफ अफसरों ने बताया था कि बिहार के एडमिशन माफिया आलोक ने जेल में बंद दिलीप मिश्रा, अख्तर कटरा के जरिए प्रतापगढ़ निवासी अबरार मुल्ला से संपर्क किया और फिर उसके ही माध्यम से शूटर शोएब, मकसूद उर्फ जैद और यासिर को 70 लाख में हत्या की सुपारी दी।
दिलीप और अख्तर जेल में हैं जबकि यासिर की हत्या खुद अन्य दोनों शूटरों ने ही रुपयों के विवाद में कर दी थी। मामले में आलोक, मकसूद और अबरार वांछित हैं। इनकी तलाश में एसटीएफ के साथ ही मामले की विवेचना में जुटी कीडगंज पुलिस भी जुटी है। जिसने हत्याकांड से संबंधित राज के खुलासे के लिए शूटर शोएब के खिलाफ कोर्ट से बी वारंट जारी कराया है। साथ ही इसे लखनऊ जेल जाकर तामीला भी करवा दिया है। पुलिस अफसरों का कहना है कि कोर्ट की अनुमति मिलते ही शोएब को नैनी जेल लाया जाएगा। इसके बाद कस्टडी रिमांड पर लेकर उससे फरार आरोपियों के बारे में जानकारी हासिल की जाएगी। साथ ही हत्याकांड से संबंधित अन्य राज उगलवाए जाएंगे।
इन राजों का होना है खुलासा
अब तक वांछित आरोपियों को तो पकड़ा नहीं ही जा सका है, हत्याकांड से संबंधित कई राज भी नहीं खुल सके हैं। मसलन हत्या के बाद फरार होने और वारदात से पहले शहर में ठहरने व डॉक्टर बंसल की रेकी करने में शूटरों की मदद किसने की। हत्या में प्रयुक्त आला ए कत्ल की बरामदगी भी अब तक नहीं हो सकी है। सुपारी के तौर पर लिए गए 15 लाख रुपये का हिसाब भी अब तक नहीं मिल सका है। एसटीएफ ने सिर्फ यह बताया था की 5 लाख अबरार मुल्ला ने शोएब और मकसूद उर्फ जैद को दिया था जबकि 10 लाख अपने पास रख लिए थे।
फरार आरोपियों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कराने की तैयारी
उधर फरार चल रहे आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कराने की भी तैयारी है। सूत्रों का कहना है कि आलोक, मकसूद पर अन्य जनपदों में भी मुकदमे हैं। ऐसे में वह अन्य मामलों में जमानत तोड़वाकर सरेंडर कर सकते हैं। यही वजह है कि कीडगंज पुलिस अब उन पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। सूत्रों का कहना है कि बहुत जल्द पुलिस फरार आरोपियों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कराने के लिए कोर्ट में अर्जी देगी।
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