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यूजी व पीजी के छात्र हो सकते हैं प्रमोट, इस तरह तैयार किया जाएगा अंतिम परिणाम

स्नातक प्रथम वर्ष व द्वितीय वर्ष और स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट करने की सिफारिश की गई है। दरअसल कोरोना महामारी की बढ़ती दर को देखते हुए हाल ही में उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा प्रमोट करने की योजना बनाने के लिए तीन कुलपतियों की कमेटी बनाई गई थी। गुरुवार को कमेटी ने उत्तर प्रदेश सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को द्वितीय वर्ष में प्रमोट करने की सिफारिश की गई है। वहीं अगले साल यानी 2022 में होने वाली द्वितीय वर्ष की परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर विद्यार्थियों के प्रथम वर्ष का परिणाम तैयार करने की योजना बनाई गई है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि द्वितीय वर्ष (सत्र  2021-22) के जिन विद्यार्थियों को पिछले साल यानी सत्र 2020-21 में भी प्रमोट किया गया था, उन विद्यार्थियों की द्वितीय वर्ष की परीक्षा अगले वर्ष (सत्र 2022-23) यानी स्नातक के अंतिम वर्ष की परीक्षा के साथ ली जाएगी। द्वितीय वर्ष की परीक्षा के परिणाम के आधार पर ही प्रथम वर्ष के अंक निर्धारित किए जाएंगे। ताकि तीन वर्षीय पाठ्यक्रम में विद्यार्थी केवल एक वर्ष परीक्षा देकर ही स्नातक उत्तीर्ण न हो।

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रो. विनय पाठक, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय और महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के कुलपति प्रो. कृष्णपाल सिंह ।

स्नातक प्रथम वर्ष व द्वितीय वर्ष और स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट करने की सिफारिश की गई है। दरअसल कोरोना महामारी की बढ़ती दर को देखते हुए हाल ही में उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा प्रमोट करने की योजना बनाने के लिए तीन कुलपतियों की कमेटी बनाई गई थी। गुरुवार को कमेटी ने उत्तर प्रदेश सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।

ऐसे तैयार होगा प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का परिणाम

कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को द्वितीय वर्ष में प्रमोट करने की सिफारिश की गई है। वहीं अगले साल यानी 2022 में होने वाली द्वितीय वर्ष की परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर विद्यार्थियों के प्रथम वर्ष का परिणाम तैयार करने की योजना बनाई गई है।

इस समय होगी द्वितीय वर्ष वालों छात्रों की परीक्षा

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि द्वितीय वर्ष (सत्र  2021-22) के जिन विद्यार्थियों को पिछले साल यानी सत्र 2020-21 में भी प्रमोट किया गया था, उन विद्यार्थियों की द्वितीय वर्ष की परीक्षा अगले वर्ष (सत्र 2022-23) यानी स्नातक के अंतिम वर्ष की परीक्षा के साथ ली जाएगी। द्वितीय वर्ष की परीक्षा के परिणाम के आधार पर ही प्रथम वर्ष के अंक निर्धारित किए जाएंगे। ताकि तीन वर्षीय पाठ्यक्रम में विद्यार्थी केवल एक वर्ष परीक्षा देकर ही स्नातक उत्तीर्ण न हो।

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रो. विनय पाठक, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय और महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के कुलपति प्रो. कृष्णपाल सिंह ।