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लखनऊ के बगल के जिस गांव में कभी आए थे बिल क्लिंटन, वहां कोरोना से कई की मौत, ऑक्सिजन लेने पेड़ के नीचे बैठ रहे हैं लोग

हाइलाइट्स:लखनऊ के पड़ोसी जबरौली गांव में कोरोना संक्रमण से हालात काफी भयावह गांव में कोरोना वायरस के कारण हो चुकी है कई लोगों की मौत, स्थितियां गंभीरअस्पताल में नहीं मिल रही ऑक्सिजन तो गांव में पीपल के पेड़ के नीचे बैठ जा रहे मरीजलखनऊकोरोना वायरस का संक्रमण गांवों तक पहुंच गया है और स्थिति दिन ब दिन बदतर होती जा रही है। यूपी की राजधानी लखनऊ से 25 किमी दूरी पर स्थित मोहनलालगंज के जबरौली गांव में कोरोना संक्रमण से हालात काफी भयावह है। एक टीवी रिपोर्ट के मुताबिक, यहां लोग इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण गांव के तमाम लोग झोलाछाप डॉक्टरों के सहारे इलाज को विवश हैं, तो कई लोग इलाज के लिए सुने सुनाए तरीकों पर ही विश्वास कर रहे हैं। गांव के एक व्यक्ति शंकर ने न्यूज चैनल से बातचीत में बताया कि उनकी पत्नी रजनी को कोरोना के लक्षण थे और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। अस्पताल ले जाने पर जब ऑक्सिजन नहीं मिला तो गांववालों ने रजनी को पीपल के पेड़ के नीचे बिठा दिया। लोगों ने कहा कि पीपल के नीचे ऑक्सिजन ज्यादा मिलेगा, लेकिन रजनी की मौत हो गई।कभी आए थे अमेरिकी राष्ट्रपति रहे बिल क्लिंटनआपको बता दें कि मोहनलालगंज का जबरौली एक आदर्श गांव है। यहां की महिलाओं से मिलने और उनका हाल जानने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन तक आ चुके हैं। वहीं, अगर स्वास्थ्य व्यवस्था की बात करें तो कोरोना महामारी ने इस आदर्श गांव को लेकर किए जा रहे सरकार के दावों की पोल खोल दी है। हाई कोर्ट ने भी सरकार पर उठाए सवाल यूपी में पंचायत चुनाव के बाद बदतर होते कोरोना के हालातों में सरकारी व्यवस्था ध्वस्त नजर आ रही है। खुद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को इसका संज्ञान लेते हुए अपनी एक टिप्पणी में कहा था कि सरकार और निर्वाचन आयोग ये बात नहीं समझ सके कि प्रदेश में पंचायत चुनाव कराने के इतने भयावह परिणाम होंगे। हाईकोर्ट के अलावा विपक्षी दल भी सीधे सरकार को पंचायत चुनाव कराने का जिम्मेदार बता रहे हैं और यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि गांवों में कोरोना का संक्रमण इसी के कारण फैला है।