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कोरोना कर्फ्यू की वजह से यूपी रोडवेज के प्रयागराज रीजन को हर रोज लाखों रुपये का घाटा सहना पड़ रहा है। रोडवेज की नियमित आमदनी भी घटकर आधी रह गई है। इस बीच रोडवेज प्रशासन ने कई बसों को सरेंडर करने का भी निर्णय ले लिया है। अगले सप्ताह से बसों को सरेंडर करने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
रोडवेज के प्रयागराज रीजन में कुछ आठ डिपो में 600 से ज्यादा बसों का संचालन होता है। यहां एक दिन की औसत आय 65 लाख रुपये के आसपास है। लेकिन कोरोना कर्फ्यू की वजह से बसों से होने वाली आय तकरीबन आधी हो गई है। इस वजह से रोडवेज प्रशासन को हर रोज सिर्फ प्रयागराज रीजन में ही 30 से 35 लाख रुपये का घाटा हो रहा है। स्थिति यह है कि अब रोडवेज प्रशासन 50 से अधिक बसों के दस्तावेज संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) को सौंपने की तैयारी कर रहा है। यानी कि सप्ताह भर रोडवेज की 50 से अधिक बसों का सरेंडर हो जाएगा।
पिछले वर्ष लगे लॉकडाउन के दौरान भी प्रयागराज रीजन ने घाटे की भरपाई करने के लिए कई बसों का सरेंडर किया था। इस बीच एसी बस से सफर करने वाले यात्रियों का भी ग्राफ लगातार नीचे गिर रहा है। प्रयागराज से लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, बरेली, आगरा, गोरखपुर, शक्तिनगर, झांसी आदि जिलों के लिए एसी बसें उपलब्ध है, लेकिन अब इन बसों में महज 20 फीसदी ही लोड फैक्टर रह गया है। प्रयागराज रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक टीकेएस बिसेन का कहना है कि यात्रियों का लोड फैक्टर आधा ही रह गया है। हर रोज लाखों का घाटा भी हो रहा है। इसी वजह से कुछ बसों को सरेंडर करने की भी योजना है।
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कोरोना कर्फ्यू की वजह से यूपी रोडवेज के प्रयागराज रीजन को हर रोज लाखों रुपये का घाटा सहना पड़ रहा है। रोडवेज की नियमित आमदनी भी घटकर आधी रह गई है। इस बीच रोडवेज प्रशासन ने कई बसों को सरेंडर करने का भी निर्णय ले लिया है। अगले सप्ताह से बसों को सरेंडर करने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
prayagraj news : यूपी रोडवेज
– फोटो : prayagraj
रोडवेज के प्रयागराज रीजन में कुछ आठ डिपो में 600 से ज्यादा बसों का संचालन होता है। यहां एक दिन की औसत आय 65 लाख रुपये के आसपास है। लेकिन कोरोना कर्फ्यू की वजह से बसों से होने वाली आय तकरीबन आधी हो गई है। इस वजह से रोडवेज प्रशासन को हर रोज सिर्फ प्रयागराज रीजन में ही 30 से 35 लाख रुपये का घाटा हो रहा है। स्थिति यह है कि अब रोडवेज प्रशासन 50 से अधिक बसों के दस्तावेज संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) को सौंपने की तैयारी कर रहा है। यानी कि सप्ताह भर रोडवेज की 50 से अधिक बसों का सरेंडर हो जाएगा।
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पिछले वर्ष लगे लॉकडाउन के दौरान भी प्रयागराज रीजन ने घाटे की भरपाई करने के लिए कई बसों का सरेंडर किया था। इस बीच एसी बस से सफर करने वाले यात्रियों का भी ग्राफ लगातार नीचे गिर रहा है। प्रयागराज से लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, बरेली, आगरा, गोरखपुर, शक्तिनगर, झांसी आदि जिलों के लिए एसी बसें उपलब्ध है, लेकिन अब इन बसों में महज 20 फीसदी ही लोड फैक्टर रह गया है। प्रयागराज रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक टीकेएस बिसेन का कहना है कि यात्रियों का लोड फैक्टर आधा ही रह गया है। हर रोज लाखों का घाटा भी हो रहा है। इसी वजह से कुछ बसों को सरेंडर करने की भी योजना है।
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