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High court on Corona: यूपी में कोरोना के हालात पर हाई कोर्ट की फटकार, बेंच ने कहा-‘सरकार ने बड़े शहरों को ज्यादा फोकस किया, गांवों को नहीं’

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हाइलाइट्स:यूपी में कोरोना वायरस के चलते लगातार खराब हो रहे हालातइलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक याचिका पर यूपी सरकार से मांगा था जवाबऑक्सिजन की कमी से मरीजों की मौत पर आई सरकारी रिपोर्ट की खारिजसरकार ने माना यूपी पंचायत चुनाव ड्यूटी में लगे 28 जिलों के 77 लोगों की मौतप्रयागराजइलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश पर राज्य निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को पंचायत चुनाव मतगणना की सीसीटीवी फुटेज कोर्ट में पेश की। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, गाजियाबाद, मेरठ, गौतमबुद्धनगर और आगरा में मतगणना की सीसीटीवी फुटेज पेश करने का निर्देश दिया था।न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की पीठ ने मेरठ के अस्पतालों में ऑक्सिजन की कमी से पांच मरीजों की मौत को लेकर डीएम मेरठ के हलफनामे को असंतोषजनक माना। कोर्ट ने डीएम को बेहतर जानकारी के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।11 मई को होगी सुनवाईयाचिका की अगली सुनवाई 11 मई को होगी। कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस वीके श्रीवास्तव की कोविड से मौत के मामले में अदालत ने राज्य सरकार से उनके इलाज का ब्योरा मांगा है।केंद्र से हाई कोर्ट ने मांगी रिपोर्टकोर्ट ने देश में टीके की कमी पर केंद्र सरकार से भी रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने पूछा है कि रूसी टीके स्पूतनिक के आयात की क्या स्थिति है? अदालत ने सुझाव दिया है कि अगर देश में टीके की कमी है तो इसे विदेश से आयात किया जाए। वहीं, केंद्र और राज्य सरकार से कोराना संक्रमण से पैदा हुए हालात पर आगे की कार्रवाई की जानकारी मांगी है।टेंडर प्रक्रिया पर उठाए सवालकोर्ट ने यूपी में ग्रामीण इलाकों में कोरोना के मामले बढ़ने पर चिंता जताई। अदालत का मानना है कि सरकार ने बड़े शहरों को ज्यादा फोकस किया और ग्रामीण इलाके, कस्बे और छोटे शहरों में पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए। हाई कोर्ट ने सरकार से शारीरिक रूप से दिव्यांग लोगों के टीकाकरण की विशेष व्यवस्था को लेकर भी जवाब मांगा। अदालत ने यूपी में वैक्सीन की कमी पर भी चिंता जताई और इसके लिए की जा रही टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाए।वैक्सीन पर सरकार ने यह कहाअदालत ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया लंबी होती है। राज्य को जल्द से जल्द ज्यादा मात्रा में वैक्सीन की जरूरत है। अदालत ने कहा कि जिस तरह से हालात खराब हो रहे हैं। तीसरी लहर की भी आशंका जताई जा रही है, ऐसे में सभी लोगों का जल्द से जल्द टीकाकरण बेहद जरूरी हो गया है। जब तक प्रत्येक व्यक्ति को टीका नहीं लग जाता, तब तक कोई सुरक्षित नहीं है।तीन-चार महीने में सबको टीकाकरण की व्यवस्था का आदेशहाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि सरकार अगले तीन से चार महीने में यूपी में सभी लोगों के टीकाकरण की व्यवस्था करे। कोर्ट ने रेमडिसिविर इंजेक्शन, ऑक्सिजन और ऑक्सिमीटर के साथ ही कुछ दवाओं की कालाबाजारी होने पर नाराजगी जताई।सरकार ने रखा अपना पक्षनिर्वाचन आयोग की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि पंचायत चुनाव के मतदान की ड्यूटी करने वाले 28 जिलों के 77 कर्मचारियों व एजेंट्स की मौत हुई है। बाकी जिलों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। यूपी और केंद्र सरकार ने यूपी में ऑक्सिजन की कमी पर भी अपना पक्ष रखा।गांवों को लौटते प्रवासी