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संकट के सिपाही : मुश्किल घड़ी में अपनों को भुलाकर दिन-रात मरीजों की सेवा

कोरोना संकट के बीच मददगारों की भी कमी नहीं है। कम से कम देश के तमाम हिस्सों से मिलने वाले समाचार तो यही कहते हैं। हां यह जरूर है कि ऐसे लोगों की संख्या कम है। तभी तो लोग सम्मान के भाव से उन्हें संकट के सिपाही या कोरोना योद्धा कहते हैं। आज भी कुछ ऐसे ही कोरोना योद्धाओं की दास्तान…बेटी के जन्मदिन पर घर के बाहर से ही विश कर अस्पताल लौटेडॉ. कपिल देव- इंचार्ज कोविड अस्पताल लेवल टू, सहारनपुर, उत्तर प्रदेशफतेहपुर कोविड लेवल टू अस्पताल के इंचार्ज डॉ. कपिल देव 50 बिस्तर वाले अस्पताल में चिकित्सा प्रभारी से लेकर प्रबंधक तक की भूमिका में हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान वे लगातार ड्यूटी दे रहे हैं। कई बार दिन के साथ ही पूरी-पूरी रात जाग कर बितानी पड़ती है। डॉ. कपिल बताते हैं कि भर्ती रोगियों के नाश्ते, दो वक्त के खाने, चाय आदि के साथ ही उनके गंभीर होने पर दवाइयों और ऑक्सीजन आदि की आपूर्ति कराने में चौबीस घंटे व्यस्त रहते हैं। डॉ. कपिल बताते हैं कि अस्पताल से संबंधित इतने फोन कॉल्स आते हैं कि वे घर वालों तक से बात करने का वक्त नहीं निकाल पाते हैं। पत्नी और दो बच्चे देहरादून में रहते हैं। उन्होंने बताया कि तीन मई को छह साल की छोटी बेटी का जन्मदिन था। उसने जिद की तो रात साढ़े नौ बजे घर पहुंचे और गली में खड़े होकर दूर से ही बेटी को विश करके रात 11 बजे तक कोविड अस्पताल आकर फिर से ड्यूटी संभाल ली थी। कोरोना मरीजों के लिए बढ़ाया मदद का हाथआदित्य गौतम, कुल्लू, हिमाचल प्रदेशछुट्टी आने के बाद मर्चेंट नेवी में तैनात आदित्य गौतम फिर कोरोना मरीजों की मदद में जुट गए हैं। जरूरतमंद लोगों के लिए उन्होंने अपना मोबाइल नंबर जारी किया है। वह पिछले सप्ताह ही पांच से छह माह नौकरी करने के बाद घर लौटे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में किसी प्रकार की परेशानी के लिए 98570-22669 नंबर पर संपर्क करें। आदित्य गौतम जिला भाजपा प्रवक्ता भी हैं। वह जिले के कोरोना मरीजों से स्वयं दूरभाष के माध्यम से संपर्क बनाए हुए हैं। कहा कि जरूरतमंद कोरोना मरीजों को वह राशन, मास्क, सैनिटाइजर के साथ ऑक्सीजन गैस सिलिंडर रिफिल करने में भी मदद करेंगे। आदित्य ने कहा कि ऐसी मुश्किल घड़ी में मानवता के नाते मानव जीवन को बचाना हर व्यक्ति का धर्म होना चाहिए। वह दिन-रात कोरोना मरीजों की मदद के लिए तत्पर रहेंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी आदित्य ने प्रवासी कामगारों के अलावा स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों की खूब मदद की थी। लोगों को हजारों मास्क वितरित किए थे। पूरे शहर को सैनिटाइज करने का भी अभियान चलाया था।