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कोरोना से वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण सिंह का निधन, गांव में गोमती किनारे कुटिया बनाने की थी अंतिम इच्छा

असगर, सुलतानपुरकोरोना में हर दिन किसी न किसी बड़ी हस्ती का अपने बीच से गुजर जाने की खबर आ रही है़। अब दिल्ली में वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण सिंह का आज निधन हुआ। मूल रूप से सुलतानपुर के निवासी शेष नारायण सिंह पिछले कुछ दिनो से कोरोना संक्रामण से जूझ रहे थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक संवेदना व्यक्त किया है़। सुलतानपुर में शेष नारायण सिंह के अति निकटतम साहित्यकार एवं वरिष्ठ पत्रकार राज खन्ना ने बताया कि उनकी अंतिम इच्छा थी घर लौटकर गांव के किसी एकांत कोने में गोमती किनारे कुटिया बनाने की।ग्रेटर नोएडा में रहते हुए भी सुल्तानपुर में बसते थे प्राणजिले के वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार एवं शेष नारायण सिंह के मित्र राज खन्ना ने बताया कि शेष नारायण सिंह भले ग्रेटर नोएडा में रहते रहे थे लेकिन सुल्तानपुर में उनके प्राण बसते थे। हर छोटी-बड़ी खबर और आम-खास लोगों के कुशल-क्षेम में उनकी गहरी दिलचस्पी थी। इधर मुझसे बार-बार दोहराते कि अब वापस घर ही आना है। गांव के किसी एकांत कोने में गोमती किनारे कुटिया बनाने की योजना बनाये हुए थे। किसे पता था कि इतनी जल्दी जलधारा अवशेषों को आंचल में समेटने की प्रतीक्षा में हैं। अंत में वो कोरोना की गिरफ्त में आ गए। कल सुबह ही हास्पिटल में उन्हें प्लाज्मा चढ़ाया गया था और आज उन्होंने अस्पताल में अंतिम सांसे ले ली।डिग्री कालेज में रह चुके थे इतिहास के लेक्चररमूल रूप से सुलतानपुर के लंभुआ के निवासी शेष नारायण सिंह सन 1973 में यहां कादीपुर में संत तुलसीदास डिग्री कॉलेज में इतिहास के लेक्चरर थे। कॉलेज की अंदरूनी राजनीति के चलते उनकी नौकरी जल्दी ही छूट गई थी। फिर वह दिल्ली एक नौकरी की तलाश में गए थे बहुत संघर्ष किया इस संघर्ष ने उन्हें और निखार दिया। उन्होंने पत्रकारिता को जुनून के तौर पर जिया। पहले प्रिंट मीडिया में खुद को स्थापित किया फिर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के चिरपरिचित चेहरे बन गए। एक कामयाब पत्रकार की हर जरूरी शर्त वह पूरी करते थे। खूब-पढ़ा और आखिर तक पढ़ना जारी रखा। व्यापक सम्पर्क बनाये और उनका भरोसा हासिल किया। घटनाओं पर उनकी गहरी और पारखी नज़र थी। शानदार न्यूज़ सेंस। उनकी प्रस्तुति के लिए जानदार भाषा थी। बेलाग-बेबाक लहजा था और बोलने का सलीका भी। उन्होंने जमकर अग्रणी हिंदी चैनलों पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज की और टाइम्स नाउ जैसे अंग्रेजी चैनलों के लिए भी काम किया।प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर व्यक्त की शोक संवेदनाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि शेष नारायण सिंह का निधन अत्यंत दुखद है। पत्रकारिता जगत में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए वे हमेशा जाने जाएंगे। दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों के लिए मेरी संवेदनाएं। ओम शांति! वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी उनके निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा है़ कि वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण सिंह के निधन का समाचार मिला। सामाजिक एवं राजनीतिक विषयों पर उनके साथ चर्चाएं , विशेषतः अमेठी के स्थानीय मुद्दों पर उनके साथ बातें करना इत्यादि, बहुत यादें छोड़ गए हैं। प्रभु से प्रार्थना की उनकी आत्मा को शांति मिले एवं दुःख की घड़ी में परिवार को संबल।