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पूर्व विधायक के परिवार ने रचा इतिहास, शकुंतला सिंह चौथी बार बनीं प्रधान

बहादुरपुर विकास खंड के धरौली-जुनैदपुर ग्रामसभा में पिछले साढ़े तीन दशक से एक ही परिवार का राज है। यहां के ग्रामीणों ने एक बार फिर इसी परिवार पर अपना भरोसा जताया है। इस दफे लगातार दोबारा समाजवादी पार्टी के हंडिया विधानसभा से पूर्व विधायक प्रशांत सिंह की मां प्रधान निर्वाचित हुई हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को भारी मतों के अंतर से शिकस्त दी है। जीत की शुरुआत तकरीबन साढ़े तीन दशक पहले हरिश्चंद्र बहादुर सिंह से हुई। इनके बाद भतीजे ने दो बार प्रधानी की कुर्सी निर्विरोध संभाली। महिला सीट हुई तो बहू प्रधान चुन ली गईं। तभी तो गांव के हरिश्चंद्र बहादुर सिंह का परिवार ग्रामीणों के लिए तीन दशक से उनका मसीहा बना हुआ है। इस बार पूर्व विधायक स्वर्गीय महेशनारायण सिंह की पत्नी और पूर्व हंडिया विधायक प्रशांत सिंह की मां शकुंतला देवी दोबारा प्रधान पद प्रत्याशी थीं। बहादुरपुर विकास खंड के धरौली-जुनैदपुर ग्रामसभा के हरिश्चंद्र बहादुर सिंह ने पहली दफे 1982 में ग्राम प्रधानी का चुनाव लड़ा था। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी रामलौटन सिंह को 60 मतों से हराया था। 1987 में ग्रामीणों के आग्रह पर उन्होंने अपने भतीजे महेश नारायण सिंह को मैदान में उतारा। वह भी निर्विरोध प्रधान चुन लिए गए। 1992 के पंचायत चुनाव में महेश नारायण दोबारा निर्विरोध प्रधान बना दिए गए।1997 में महेश नारायण सिंह ने जिला पंचायती का चुनाव लड़ा तो प्रधानी की सीट से पत्नी शकुंतला सिंह खड़ी हुईं और निर्विरोध चुन ली गईं। बाद में स्वर्गीय सिंह हंडिया विधानसभा से विधायक भी हुए। सन 2005 में सीट महिला पिछड़ी जाति की हुई तो श्री सिंह ने गांव की फूला देवी को मैदान में उतारकर निर्विरोध प्रधान बनवा लिया। इस दफे सीट सामान्य होने पर स्वर्गीय विधायक महेशनारायण सिंह की पत्नी व उनके बेटे पूर्व विधायक प्रशांत सिंह की मां शकुंतला देवी ने प्रधानी का चुनाव लड़ा। इनके मुकाबले में प्रत्याशी तो कई चुनावी मैदान में उतरे लेकिन यहां के ग्रामीणों ने विधायक परिवार पर ही अपना भरोसा जताया। शकुंतला सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को तकरीबन 240 मतों मतों के भारी अंतर से शिकस्त दी है।
नेताजी के घर छप्पर फाड़ आई खुशियां, भाई और बेटा हुए बीडीसी
झूंसी। छतनाग गांव निवासी और पूर्व जिला पंचायत सदस्य व नेताजी के नाम से चर्चित अशोक यादव नेताजी के घर छप्पर फाड़  खुशियां आई हैं। उनके बेटे और भाई ने बीडीसी पद पर जीत हासिल की है। दोनों में से कोई एक ब्लॉक प्रमुखी के लिए भी दावेदारी करेगा। गुलालपुर ग्रामसभा से अशोक यादव के भाई राजकुमार बीडीसी निर्वाचित हुए हैं। इसी प्रकार अशोक के बेटे अंगद यादव जमुनीपुर ग्रामसभा से बीडीसी चुने गए हैं। अंगद पूरे विकास खंड में सबसे कम उम्र के बीडीसी चुने गए हैं। अंगद ने महज 23 वर्ष में जीत हासिल की है।