हाइलाइट्स:कोरोना के खिलाफ जंग में फर्जी मेसेज बने मुश्किल का सबबगलत नंबर भी हो रहे हैं वायरल, कई वॉट्सऐप ग्रुप भी कठघरे में कई लोग अपना नंबर वायरल होने से जवाब देते-देते थक गए हैंसोशल मीडिया पर बताए गए किसी नुस्खे पर तुरंत भरोसा ना करेंनीलेश सिन्हा, गाजियाबादकोरोना के खिलाफ जंग में सोशल मीडिया पर फर्जी मेसेज परेशानी बन गए हैं। ऑक्सिजन, इंजेक्शन हो या दवा, हर तरह की मदद के लिए कई नंबर सोशल मीडिया पर वायरल हैं। लेकिन अफसोस कि जरूरतमंद लोग इन नंबरों पर संपर्क कर रहे हैं तो कुछ और ही जवाब सुनने को मिल रहे हैं। जिन नंबरों पर संपर्क हो रहा है, उनमें से कुछ ने बताया कि वह खुद मदद के लिए लाइन में लगे हैं, कई जगह भटक रहे हैं और अब लोग उनसे मदद मांग रहे हैं तो परेशानी बढ़ गई है। गाजियाबाद के इंदिरापुरम के शिप्रा रिव्येरा में रहने वाले ए के श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने अपने मित्र से मिले एक नंबर पर संपर्क किया तो दूसरी तरफ से जवाब मिला कि उनका नंबर किसी ने वायरल कर दिया है। वह सुबह से जवाब देते-देते थक गए हैं।वॉट्सऐप ग्रुप में फॉरवर्ड हो रही गलत जानकारीऐसे नंबरों के अलावा कई वॉट्सऐप ग्रुपों में गलत जानकारियां भी फॉरवर्ड हो रही हैं। कुछ लोग बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह के कोरोना से बचने के नुस्खे बताने में लगे हैं तो कोई टोटके बता रहा है। डॉक्टर ऐसी जानकारियों पर यकीन न करने की सलाह दे रहे हैं। वहीं, अपना मोबाइल नंबर वायरल होने से परेशान लोगों ने बताया कि अनावश्यक कॉल का जवाब देते-देते थक गए हैं। समय भी बर्बाद हो रहा है। कोरोना के खिलाफ जंग में किस तरह करें आयुर्वेद का इस्तेमालCoronavirus In Uttar Pradesh: यूपी में कोरोना से 249 मरीजों की मौत, 33574 नए केस, 26 हजार से ज्यादा हुए ठीकसिलिंडर और बेड की डिमांड ज्यादासोशल मीडिया पर इस समय सबसे ज्यादा ऑक्सिजन सिलिंडर, रीफिलिंग, अस्पताल में बेड और प्लाज्मा डोनर की तलाश के लिए मदद मांगी जा रही है। कई जगह लोगों को सही जानकारी से मदद मिल भी रही है, लेकिन ज्यादातक लोग मदद न मिलने से मायूस हैं। गलत नंबर पर संपर्क करने और मदद न मिलने से जरूरतमंदों की परेशानी बढ़ रही है। वीआईपी ने कब्जा रखे हैं बेड, बिन इलाज अस्पताल के बाहर मर जा रहे आम मरीज…नोएडा में शर्मनाक हालातCoronavirus in Uttar Pradesh: यूपी के लिए राहत लेकर आई दूसरी ऑक्सिजन एक्सप्रेसआप भी रखें ध्यान-कोई मेसेज आए तो तुरंत फॉरवर्ड न करें।-अपने स्तर पर संबंधित नंबर पर कॉल कर वास्तविक स्थिति जानें।-आपको पता लगे कि दिया गया नंबर संबंधित व्यक्ति का नहीं है तो मेसेज भेजने वाले को बताएं।-सोशल मीडिया पर बताए गए किसी बीमारी के इलाज पर भरोसा न करें। डॉक्टर से सलाह लें।-कोई व्यक्ति बार-बार भ्रामक मेसेज भेजे तो पुलिस से शिकायत करें।-अन्य लोगों को इसके लिए जागरूक जरूर करें।प्रतीकात्मक तस्वीर
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