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श्रवण राठौड़ को कुंभ मेले में जाने से रोका गया था बेटे ने, बोले- नहीं मानी मेरी एक बात

म्यूजिक कंपोजर श्रवण राठौड़ का कोरोना से निधन हो गया है। इससे पहले उनके दोनों बेटों और पत्नी ने श्रवण के खराब स्वास्थ्य की जानकारी दी थी, लेकिन 22 अप्रैल को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। अब उनके बड़े बेटे संजीव ने बताया कि उनके पिता मां मेले में गए थे और यहां से आने के बाद उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। श्रवण को पहले ही सांस से संबंधित पहले ही परेशानी थी।क इंटरव्यू में संजीव ने बताया, ‘उन्होंने धार्मिक स्थल पर जाना नहीं छोड़ा था, यहां तक ​​कि कोरोना संक्रमण के बावजूद भी। मंगल के बाद वह बद्रीनाथ, ओडिशा और जम्मू-कश्मीर गए थे। वह कुंभ मेले का कार्यक्रम फाइनल होने के बाद से बहुत खुश थे। मैंने उन्हें कई बार बाहर न जाने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने मेरी एक बात नहीं सुनी। ” धार्मिक स्थलों पर जाते थे श्रवण राठौड़’म्यूजिक कंपोजर ने यहां पर दर्शन दर्शन किए थे और अपनी पत्नी को भी साथ ले गए थे। उन्होंने कहा, ‘मेरी मां भी उनके साथ जाती थीं। इस बार कुंभ मेले में भी वह उनके साथ था। यहां तक ​​कि वह पिछले छह महीने से डिटेल चेक-अप के लिए डॉ के पास नहीं गए थे। लेकिन उन्हें अंदर ही अंदर पता था कि उनका स्वास्थ्य लगातार खराब हो रहा है।’उन्होंने बताया, ‘मेरे पिता अस्पताल इसलिए भी नहीं जाना चाहते थे क्योंकि उन्होंने किसी से अफवाह सुनी थी कि अगर कोई अस्पताल जाता है तो उसे कोविद -19 वर्ट में। भर्ती कर दिया जाता है। हालाँकि, उनके साथ ऐसा हुआ और अस्पताल में भर्ती होने के बाद उन्हें सांस लेने में परेशानी भी होने लगी ।’संजीव ने आगे बताया, ‘बीमारी की बीमारी को रोकने के लिए मेरे साथ कई बार झड़प भी हुई थी। वह हमेशा कॉटन वर्क पहनते थे क्योंकि इसमें उनका दम घुटता था। लेकिन उन्होंने मेरी कभी नहीं सुनी, चाहे वो बाहर जाने की बात हो या धार्मिक स्थल पर न जाने की। वह अक्सर मुझे कहते थे कि न तो मैं उनका पिता हूं और न ही डॉ। ‘ इससे पहले उदित नारायण ने भी बताया था कि श्रवण ने उन्हें मेले से फोन किया था। वह हैरान थे कि श्रवण मेले में गए ही क्यों। पढ़े-इन भारतीयों को मिल चुके है ऑस्कर अवॉर्ड, 1983 में सम्मान पाने वाली भानु अथैय्या थे पहले महिलानदीम ने किया दोस्त श्रवण राठौड़, याद, बोले- अब ये प्लान कभी नहीं हो सकता है फाउंडगा पूरा।