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क्रिया योग आश्रम की साधिका ज्ञानमाता को कोरोना ने छीना

क्रिया योग आश्रम एवं अनुसंधान संस्थान की प्रमुख साधिका स्वामी ज्ञानमाता डॉ. राधा सत्यम कोरोना संक्रमण से जीवन की जंग हार गईं। वह स्वरूपरानी अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती थीं। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद आश्रम कर्मी उनको डिस्चार्ज कराने की तैयारी में थे, लेकिन अचानक फिर उनका आक्सीजन लेवल डाउन होने लगा और अंतत: उनका साकेतवास हो गया। वह 55 वर्ष की थीं। आश्रम की संस्थापक सदस्य रहीं। ज्ञानमाता के निधन के बाद आश्रम के अलावा कनाडा, आस्ट्रेलिया समेत कई देशों में अनुयायियों ने उनकी आत्मा की शांति के लिए शोक सभाएं कीं।इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमएससी के बाद उन्होंने बीएएमएस डिग्री हासिल की। इसके बाद वह कमला नेहरू मेमोरियल अस्पताल से लंबे समय तक जुड़ी रहीं। फिर चिकित्सक के पेशे को छोड़कर क्रियायोग आश्रम एवं अनुसंधान संस्थान के कार्यों के प्रचार -प्रसार में उन्होंने खुद को समर्पित कर दिया था। आश्रम के संस्थापक स्वामी योगी सत्यम ने बताया कि पखवाड़े भर से कोविड-19 के संक्रमण से जूझ रही थीं। उनके त्याग और समर्पण की भरपाई कभी नहीं हो सकेगी। ज्ञानमाता के निधन पर कई धार्मिक , सामाजिक संस्थाओं ने भी शोक जताया है।हरि श्याम मानव कल्याण शिक्षा एवं शोध संस्थान चौफटका के सचिव  राजीव कुमार मिश्रा, उप प्रबंधक अमिता मिश्रा, पंकज दीक्षित, शिखा खन्ना, ओम प्रकाश ओझा के अलावा किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी ज्ञानमाता के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया है। उधर त्रिवेणी संस्था कल्याण महासमिति और त्रिवेणी मठ मंदिर बचाओ समिति के संयुक्त तत्वावधान में हुई ऑनलाइन शोक सभा में ज्ञानमाता के निधन पर शोक जताया गया। महासमिति के अध्यक्ष फूलचंद्र दुबे, राजेंद्र पालीवाल, बीपी शुक्ल, सुनील बाजपेयी, प्रकाश चंद्र दुबे, डॉ बीके सिंह, राकेश मिश्र, जितेंद्र गौड़, नागेंद्र सिंह, श्याम सूरत पांडेय, राजेंद्र  तिवारी दुकानजी ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।