Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

वाराणसी में श्मशान घाटों पर शवों की कतार, बना तीसरा अस्थाई श्मशान, ग्रामीणों को सता रहा डर

Default Featured Image

अभिषेक जायसवाल, वाराणसीउतर प्रदेश के वाराणसी में बेकाबू कोरोना ने अस्पताल से श्मशान तक की व्यवस्था को बीमार कर दिया है। मोक्ष की नगरी में श्मशान पर अंतिम संस्कार के लिए लोगों को कई घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है। वाराणसी के दोनों श्मशान घाटों पर शवों की कतार लगी है। श्मशान पर बढ़ते दबाव को देखते हुए वाराणसी में मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट के अलावा विश्वसुंदरी पुल के करीब गंगा तट पर तीसरा अस्थाई श्मशान बनाया गया है।वाराणसी नगर निगम ने इसके लिए विश्वसुंदरी पुल के करीब गंगा घाट पर मंगलवार को बैरिकेडिंग का कार्य पूरा कर लिया। बैरिकेडिंग का काम पूरा होने के बाद मंगलवार की रात ग्रामीणों के विरोध के बीच कोरोना से मृत लोगों के शवों का अंतिम संस्कार का काम भी शुरू करा दिया है। काशी के इस नए श्मशान पर शव दाह के अंतिम संस्कार के लिए पवन चौधरी की मदद ली जा रही है।ग्रामीणों ने किया विरोधवाराणसी नगर निगम द्वारा बनाए गए तीसरे अस्थाई श्मशान को लेकर स्थानीय लोगो में काफी नाराजगी है। मंगलवार को काम शुरू होने के साथ ही ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन और नगर निगम के अफसर मौके पर पहुंचे और किसी तरह लोगों को समझा-बुझाकर हटाया। हालांकि, अब भी लोगों में नाराजगी है।सता रहा डररमना गांव के रहने वाले अमित सिंह ने बताया कि यहां कोविड मरीजों के शव के अंतिम संस्कार होने से इलाके के लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा है, क्योंकि देखा जाता है कि शवों के अंतिम संस्कार के बाद पीपीई किट और आदि चीजों को ऐसे ही फेंक दिया जाता है। वाराणसी के हरिश्चन्द्र और मणिकर्णिका घाट पर भी ऐसी तस्वीरें देखने को मिलती हैं।साफ सफाई की पूरी व्यवस्थानगर आयुक्त गौरांग राठी ने बताया कि मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार के लिए लोगों की भीड़ है। इन दोनों श्मशान पर दबाव कम हो इसके लिए अस्थाई श्मशान बनाया गया है। यहां कोविड के शवों का अंतिम संस्कार किया जाएगा। दाह संस्कार के बाद इलाके के लोगों को कोई परेशानी न हो इसके लिए साफ सफाई और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की गई है।