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ऐंबुलेंस मामले में गिरफ्तार आरोपी निकला कोरोना पॉजिटिव, पुलिस मऊ से लेकर बाराबंकी तक घूमती रही, कोर्ट में भी पेश कर दिया

बाराबंकीदेश में फैल रहे कोरोना संक्रमण के बीच यूपी के बाराबंकी जिले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसमें मुख्तार अंसारी के फर्जी ऐंबुलेंस मामले में गिरफ्तार कोरोना पॉजीटिव आरोपी को बाराबंकी पुलिस अपने साथ लेकर मंगलवार को दिन भर घूमती रही और शाम करीब 4 बजे उसे न्यायालय में पेश कर दिया। कोविड पॉजिटिव होने के बाद भी आरोपी को मऊ जिले से लेकर कोतवाली नगर और न्यायालय तक के सफ़र करने को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल, बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की ओर से इस्तेमाल की जा रही एक ऐंबुलेंस के मामले में बाराबंकी नगर कोतवाली में महिला चिकित्सक डॉ. अलका राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसका रजिस्ट्रेशन जांच में फर्जी पाया गया था। इस पर पुलिस ने डॉक्टर अलका राय और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में मऊ की डॉ. अलका राय, उनके सहयोगी डॉ. शेषनाथ राय, मुख्तार अंसारी, मुजाहिद, राजनाथ यादव समेत कुछ अन्य लोगों के नाम सामने आए थे। इन लोगों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर ऐंबुलेंस को खरीदने का आरोप है जिस पर बाराबंकी पुलिस राजनाथ यादव को पहले ही गिरफ्तार कर 6 अप्रैल को अदालत में पेश किया था। जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। मंगलवार को अलका राय और उसके सहयोगी शेषनाथ राय को गिरफ्तार किया गया है।गिरफ्तार दोनों आरोपियों में शेषनाथ रॉय की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद भी पुलिस मऊ से लेकर बाराबंकी में दिन भर टहलाती रही न्यायालय बन्द होने के चलते मंगलवार देर शाम आरोपी शेषनाथ रॉय को रिमांड मजिस्ट्रेट के यहां पेश कर दिया। शेषनाथ रॉय की कोविड जांच रिपोर्ट पॉजिटिव की जानाकरी होने पर हड़कंप मच गया।आरोपी पक्ष के वकील रणधीर सुमन ने मजिस्ट्रेट के सामने एक आरोपी के कोविड जांच पॉजिटीव होने की दलील दी कि उसे कोविड अस्पताल में भर्ती कराने की अनुमति दी जाए, लेकिन सरकारी पक्ष के वकील ने जेल में क्वारंटीन करने की अपील की, जिस पर रिमांड मजिस्ट्रेट ने दोनों आरोपियों को अलग-अलग वाहनों से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।