नए व विस्तारित नगर निकायों को भी राज्य वित्त आयोग से मिलेगी मदद…

पिछले साल गठित हुई नगर पंचायतों के साथ उन निकायों को भी विकास कार्य के लिए राज्य वित्त आयोग से मदद मिलेगी, जिनका विस्तार किया गया है। नगर विकास विभाग के प्रस्ताव को सरकार ने मंजूरी दे दी है। नए निकायों को राज्य वित्त आयोग से धनराशि लेने के लिए अलग से बैंक में खाता खुलवाने और विस्तारित निकायों को अपने पूर्व के खातों में संशोधन कराने का आदेश दिया गया है। सरकार के इस फैसले से नए निकायों में भी अवस्थापना सुविधाओं के विकास को गति मिलेगी।दरअसल, शहरी निकायों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए राज्य वित्त आयोग से आर्थिक मदद की जाती है। पिछले साल सरकार ने कई निकायों का गठन किया है। ऐसे में ग्रामीण इलाकों से शहरी इलाकों में तब्दील हुए इन निकायों में अवस्थापना सुविधाओं का काफी अभाव है। इस फैसले से अब यहां भी विकास कार्यों को गति मिल सकेगी।नगर विकास विभाग ने तय किया है कि ऐसे निकायों को इसी वित्तीय वर्ष से मदद मुहैया कराई जाएगी। शासन ने सभी शहरी निकायों को आदेश दिया है कि स्टेट फाइनेंस कमीशन का खाता सिर्फ स्टेट बैंक में ही खोला जाएगा और इसका प्रारूप बचत खाता ही होगा।
राज्य वित्त आयोग हर तरह के शहरी निकायों के लिए कितनी रकम जानी है, उसका प्रतिशत तय करता है। इसमें नगर पंचायतों, नगर पालिका परिषदों और  नगर निगमों को मिलने वाली रकम का प्रतिशत तय किया जाता है। इसके अलावा अन्य मानक भी होते हैं, जिनके आधार पर निकाय विशेष की रकम में इजाफा या कटौती की जाती है। यही आधार इन शहरी निकायों में रकम बंटवारे के लिए भी होगा।