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प्रयागराज के प्रतियोगियों को यूपीपीएससी के नए अध्यक्ष से ढेरों उम्मीदें

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के नए अध्यक्ष संजय श्रीनेत से प्रयागराज के प्रतियोगी छात्रों को ढेरों उम्मीदें हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि संजय श्रीनेत इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़े हुए हैं और यहां की संस्कृति से अच्छी तरह से वाकिफ हैं। हालांकि वह विपरीत परिस्थितियों में ज्वाइन करने जा रह हैं। प्रयागराज समेत पूरे उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है और ऐसे में आयोग के वर्ष के 2021 के कैलेंडर में शामिल परीक्षाओं का समय से आयोजन करना उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी

आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने एएन झा हॉस्टल में रहकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए की पढ़ाई की थी और इसके बाद वह हिंदी में एमए की पढ़ाई के लिए जेएनयू चले गए थे। प्रतियोगियों को उम्मीद है है कि संजय ने हॉस्टल में रहकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए की पढ़ाई की थी, सो वह मानविकी विषय के अभ्यर्थियों के दर्द को बेहतर तरीके से समझेंगे। पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से पीसीएस की परीक्षाओं में मानविकी एवं हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों के चयन का ग्राफ तेजी से गिरा है और प्रयागराज एवं पूर्वी यूपी से चयनितों की संख्या में कमी आई है, प्रतियोगी छात्र मानकर चल रहे हैं संयज श्रीनते के कार्यभार ग्रहण करने के बाद इसमें सुधार अएगा।
हालांकि नए अध्यक्ष के सामने पहले चुनौती कोविड के दौरान भर्ती परीक्षाओं का आयोजन कराना है। पूर्व अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार ने अपने 21महीने के कार्यकाल में 22870 भर्तियां कीं और उनके कार्यकाल के एक साल से अधिक का समय कोविड की चुनौतियां का सामना करते हुए बीता। इसके बावजूद आयोग में दशकों बाद पीसीएस परीक्षा पटरी पर गई और ज्यादातर लंबित भर्तियां पूरी कर ली गईं। नए अध्यक्ष संजय श्रीनेत के सामने भी ठीक यही चुनौती है। कोविडकाल की चुनौतियों का सामना करते हुए उन्हें भी आयोग के वर्ष 2021 के कैलेंडर में शामिल परीक्षाओं का आयोजन कराना होगा।
नए अध्यक्ष से मिल सकती है सीबीआई की टीम
सीबीआई की टीम उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की उन भर्ती परीक्षाओं की जांच कर रही है, जिनका परिणाम अप्रैल 2012 से मार्च 2017 के बीच जारी किया गया। सीबीआई की टीम लगातार आयोग आ रही है। सूत्रों का कहना है कि आयोग से अपेक्षित सहयोग न मिलने के कारण जांच तेजी से आगे नहीं बढ़ पा रही है। ऐसे में नए अध्यक्ष से सीबीआई को भी सहयोग की उम्मीद होगी। नए अध्यक्ष के कार्यभार संभालने के बाद सीबीआई की टीम उनसे मिल सकती है।