मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा- संविधान की मूल अवधारणा है कि सभी वर्गों के साथ न्याय हो। संविधान की इसी सोच के साथ मप्र सरकार काम कर रही है कि प्रदेश में हर वर्ग को न्याय और नौजवानों को रोजगार मिले। मुख्यमंत्री मंगलवार को यहां समन्वय भवन में दलित पिछड़ा अधिकार मोर्चा द्वारा पिछड़े वर्ग को 27% आरक्षण देने के निर्णय पर आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम किसी वर्ग को आरक्षण नहीं दे रहे हैं, बल्कि संविधान की भावना के अनुसार उन्हें न्याय दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश आए, उद्योग धंधे लगें, आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि हो। इसके लिए जरूरी है कि प्रदेश के प्रति निवेशकों का विश्वास बढ़े। सरकार निवेशकों के विश्वास को लौटाने का निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने पूर्व उप मुख्यमंत्री सुभाष यादव का स्मरण करते हुए कहा कि पिछली बार मैंने समन्वय भवन का नामकरण स्व. सुभाष यादव के नाम पर करने को कहा था। आज इस भवन पर उनका नाम देखकर बेहद खुशी हुई। उन्होंने कहा कि वर्ष 1980 में मैं और यादव जी सांसद थे। उनसे मेरा गहरा रिश्ता था। पिछड़ा वर्ग समाज के लिए वे हमेशा चिंतित रहते थे। उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि आज मंत्रिमंडल में सर्वाधिक 40% पिछड़े वर्ग के मंत्री शामिल हैं।
जिलों से शिकायत आई, मतलब कलेक्टर काम नहीं कर रहे : नाथ
इधर, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी कलेक्टरों को चेताया है कि यदि उनके पास जिलों से शिकायत आई, तो वे समझेंगे कि कलेक्टर काम नहीं कर रहे। उन्होंने यह चेतावनी जनाधिकार कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कलेक्टरों को दी। उन्होंने मिलावटखाेरों के खिलाफ सभी जिलों में सख्त अभियान चलाने के निर्देश देते हुए कहा कि जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दिग्विजय पहुंचे मंत्रालय: दिग्विजय सिंह मंगलवार शाम को मंत्रालय पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुख्य रूप से कांग्रेस के प्रदेश संगठन और पंचायती राज के क्रियान्वयन के संबंध में चर्चा की।
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