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Corona Case in Kanpur: कानपुर में मिले एक दिन में रेकॉर्ड 917 संक्रमित, 4 की मौत, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य समेत 15 पॉजिटिव

कानपुरकोरोना वायरस की दूसरी लहर से शहर के हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। कानपुर में रोजाना इतनी बड़ी संख्या में संक्रमित आ रहे है कि पिछले सभी रेकॉर्ड टूट रहे हैं। बीते रविवार को 917 लोगों में संक्रमण की पुष्टी हुई। वहीं, संक्रमण की चपेट में आने से चार पेशेंट को अपनी जान गंवानी पड़ी। रविवार शाम आई कोविड रिपोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की नींद उड़ा दी। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, वॉइस प्रिंसिपल समेत स्टॉफ के 15 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।कोविड-19 से जंग जीतने के लिए कानपुर में एक तरफ ‘टीका महोत्सव’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है तो वहीं हर दिन पुराने रेकॉर्ड को तोड़ते हुए नए संक्रमित सामने आ रहे हैं। कानपुर में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 4051 पहुंच गई है। वहीं, संक्रमण से मरने वालों का अकड़ा 888 पहुंच गया है। जिले में संक्रमितों की संख्या 37,789 पहुंच गई, जिसमें से 32,850 पेशेंट ठीक होकर घरों को लौट चुके हैं।संक्रमण की चपेट में आने से चार ने गवाई जानकानपुर में तेजी से संक्रमण का ग्राफ बढ़ रहा है। दूसरी लहर कम उम्र के लोगों के लिए भी जानलेवा साबित हो रही है। दबौली में रहने वाले 30 वर्षीय युवक में सिर्फ कोरोना के लक्षण थे। उपचार के उसकी मौत हो गई। घाटमपुर में रहने वाली 37 साल की महिला कोरोना पॉजिटिव थी और डायबिटीज से ग्रसित थी। हैलट में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। इसके साथ ही एक 75 साल की बुजुर्ग महिला को संक्रमण होने के बाद उसके गुर्दे फेल हो जाने से मौत हो गई। रामा मेडिकल कॉलेज में भर्ती 41 वर्षीय शख्स की संक्रमण की चपेट में आने के बाद फेफड़ों में निमोनिया हो गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।वैक्सीन लगवाने के बाद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य समेत स्टॉफ संक्रमितजीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आरबी कमल, वॉइस प्रिंसिपल रिचागिरी, स्टॉफ, जूनियर डॉक्टर, मेडिकल छात्र समेत 15 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टी हुई है, जबकि प्रिंसिपल समेत पूरा स्टॉफ पहले ही कोरोना वैक्सीन लगवा चुका था। इसमें कई लोगों को कोविड हॉस्पिटल में तो कुछ लोगों को होम आइसोलेशन में रखा गया है।हैलट और कांशीराम हॉस्पिटल के बेड फुलकानपुर का हैलट अस्पताल में बने न्यूरो साइंस कोविड अस्पताल और मैटरनिटी कोविड विंग अस्पताल में 100-100 बेड हैं। इन अस्पतालों में कोविड-19 के गंभीर मरीजों का इलाज होता है। बेड फुल हो जाने के बाद हैलट अस्पताल 360 बेड की व्यवस्था करने में जुटा है। कांशीराम ट्रामा सेंटर लेवल-01 का हॉस्पिटल है, यहां के बेड दो दिन पहले ही फुल हो चुके थे।बस टीका नहीं, मास्क और 2 गज की दूरी भी जरूरीटीकाकरण एक माध्यम है जिससे कोविड पर नियंत्रण पाया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि यह कोविड के खिलाफ पूरी तरह सुरक्षित कर देता है। AIIMS के निदेशक रणदीप गुलेरिया बताते हैं, ‘वैक्सीन आपको इम्यूनिटी देता है, आपको संक्रमण से नहीं बचाता। एफिकेसी ट्रायल के पैमाने पर भी वैक्सीन 70 से 80 प्रतिशत ही खरा उतरा था। इसका मतलब है कि 20 से 30 प्रतिशत लोग ऐसे भी होंगे जो वैक्सीन लेने के बाद भी बहुत ज्यादा सुरक्षित नहीं हो पाएंगे।’ ऐसे में मास्क और दो गज की दूरी का नियम ही कोरोना से पूरी तरह बचा सकता है।