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उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद के बलुआ थाना क्षेत्र के टांडाकला गांव में एक हृदय विदारक घटना हुई है। 30 जनवरी को सीओ की गाड़ी को घेरने के आरोप में सात नामजद और 70 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें नामजद और 69 अज्ञात बाहर हैं, लेकिन पुलिस ने गुडवर्क के चक्कर में अज्ञात में शामिल कर गांव के पंकज मिश्रा को जेल भेज दिया। पत्नी ने थाने जाकर बहुत मिन्नतें कीं। पुलिस ने उसकी एक न सुनी। पति के जेल जाने का सदमा गर्भवती पत्नी बर्दाश्त नहीं कर पाई और शुक्रवार की भोर में उसकी मौत हो गई। उसकी तीन मासूम बेटियां हैं।विगत 30 जनवरी को टांडाकला निवासी अरुण शर्मा की हत्या पत्नी व उसके प्रेमी ने दो लोगों के साथ मिलकर कर दी थी। इसमें पुलिस अरुण शर्मा की पत्नी का बॉक्स थाने उठा ले गई और बगैर किसी परिजन या संभ्रांत व्यक्ति की उपस्थिति के ही बॉक्स खोल दिया था। मृतक की बहन ने बताया कि बॉक्स में पांच लाख रुपये व लगभग 20 लाख के जेवरात थे। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने बलुआ थाने का घेराव किया, लेकिन लेागों के समझाने पर शांत गए थे। इसकी जांच करने पूर्व सीओ अवनीश चिंकारा जब टांडा बाजार पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनकी जीप को घेर लिया। किसी ने पत्थर चलाकर उनकी गाड़ी का शीशा तोड़ दिया। इसमें पुलिस ने सात नामजद व 70 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था।इसी क्रम में अज्ञात के रूप में पंकज मिश्रा को दो अप्रैल को पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया। पंकज के बड़े भाई नीरज मिश्रा व बहन ने बताया कि पंकज के जेल जाते ही उसकी आठ माह की गर्भवती पत्नी दीप्ती मिश्रा बेसुध हो गई और उसी गम में उसकी मृत्यु हो गई। पंकज व दीप्ती की तीन पुत्रियां 11 वर्षीय प्रियांशी, नौ वर्षीय पलक और सात वर्षीय परी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सात नामजदों और 69 अज्ञात को छोड़कर अगर पुलिस केवल पंकज के खिलाफ कार्रवाई कर रही है तो अरुण शर्मा के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप की निष्पक्षतापूर्वक जांच कर दोषियों को सजा दिलानी चाहिए। उन्होंने पुलिस पर साजिश के तहत पंकज को फंसाकर जेल भेजने का आरोप लगाया है।इस मामले में विवेचक ने किस कारण से अन्य लोगों के नाम केस से निकाला है और उक्त व्यक्ति पर कार्रवाई की है। इसकी जांच की जाएगी। अगर कुछ गलत पाया जाता है तो निश्चित ही कार्रवाई होगी। – दयाराम, एएसपी, चंदौली
उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद के बलुआ थाना क्षेत्र के टांडाकला गांव में एक हृदय विदारक घटना हुई है। 30 जनवरी को सीओ की गाड़ी को घेरने के आरोप में सात नामजद और 70 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें नामजद और 69 अज्ञात बाहर हैं, लेकिन पुलिस ने गुडवर्क के चक्कर में अज्ञात में शामिल कर गांव के पंकज मिश्रा को जेल भेज दिया। पत्नी ने थाने जाकर बहुत मिन्नतें कीं। पुलिस ने उसकी एक न सुनी। पति के जेल जाने का सदमा गर्भवती पत्नी बर्दाश्त नहीं कर पाई और शुक्रवार की भोर में उसकी मौत हो गई। उसकी तीन मासूम बेटियां हैं।
विगत 30 जनवरी को टांडाकला निवासी अरुण शर्मा की हत्या पत्नी व उसके प्रेमी ने दो लोगों के साथ मिलकर कर दी थी। इसमें पुलिस अरुण शर्मा की पत्नी का बॉक्स थाने उठा ले गई और बगैर किसी परिजन या संभ्रांत व्यक्ति की उपस्थिति के ही बॉक्स खोल दिया था। मृतक की बहन ने बताया कि बॉक्स में पांच लाख रुपये व लगभग 20 लाख के जेवरात थे। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने बलुआ थाने का घेराव किया, लेकिन लेागों के समझाने पर शांत गए थे। इसकी जांच करने पूर्व सीओ अवनीश चिंकारा जब टांडा बाजार पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनकी जीप को घेर लिया। किसी ने पत्थर चलाकर उनकी गाड़ी का शीशा तोड़ दिया। इसमें पुलिस ने सात नामजद व 70 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था।
इसी क्रम में अज्ञात के रूप में पंकज मिश्रा को दो अप्रैल को पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया। पंकज के बड़े भाई नीरज मिश्रा व बहन ने बताया कि पंकज के जेल जाते ही उसकी आठ माह की गर्भवती पत्नी दीप्ती मिश्रा बेसुध हो गई और उसी गम में उसकी मृत्यु हो गई। पंकज व दीप्ती की तीन पुत्रियां 11 वर्षीय प्रियांशी, नौ वर्षीय पलक और सात वर्षीय परी हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि सात नामजदों और 69 अज्ञात को छोड़कर अगर पुलिस केवल पंकज के खिलाफ कार्रवाई कर रही है तो अरुण शर्मा के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप की निष्पक्षतापूर्वक जांच कर दोषियों को सजा दिलानी चाहिए। उन्होंने पुलिस पर साजिश के तहत पंकज को फंसाकर जेल भेजने का आरोप लगाया है।
इस मामले में विवेचक ने किस कारण से अन्य लोगों के नाम केस से निकाला है और उक्त व्यक्ति पर कार्रवाई की है। इसकी जांच की जाएगी। अगर कुछ गलत पाया जाता है तो निश्चित ही कार्रवाई होगी। – दयाराम, एएसपी, चंदौली
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