. बेल्जियम के वैज्ञानिकों ने एक खास तरह का रोबोट तैयार किया है जिसमें दर्द और डैमेज को समझने की क्षमता है। इतना ही नहीं यह बिना इंसानों की सहायता लिए खुद का इलाज कर लेता है या यूं कहे कि खुद ही अपनी रिपेयरिंग कर लेता है।
इस रोबोट में खास तरह के रोबोटिक हैंड है जिसे 3डी प्रिंटिंग की मदद से तैयार किया गया है। इसे कई तरह के काम में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे खासतौर पर फूड इंडस्ट्री के लिए तैयार किया गया है, जहां यह रोबोट नाजुक और नरम चीजों को उठाने में इंसानों की मदद करेगा।
इस रोबोट की सबसे खास बात यह है कि कृत्रिम अंग बनाने में अहम भूमिका निभाता है। क्योंकि इसमें इस्तेमाल किया गया सॉफ्ट मटेरियर नुकीली वस्तु या अत्याधिक प्रेशर पड़ने की स्थिति में डैमेज हो जाता है। शोधकर्ताओं ने इसके लिए एक ऐसे पॉलिमर (मटेरियल) को बनाया है जो खुद ही अपना इलाज करने की क्षमता रखता है। कटने-फटने की स्थिति में यह 40 मिनट के अंदर नए बॉंड बना लेता है।
इस रोबोट को फ्री यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रसेल्स और यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के वैज्ञानिकों ने मिलकर तैयार किया है। फ्री यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रसेल्स के प्रोफेसर ब्राम वांटरब्रॉट का कहना है कि हमने कई साल पहले ही रोबोट्स के लिए सेल्फ हीलिंग मटेरियल बनाने का काम शुरू कर दिया था। इस रिसर्च के जरिए हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इंडस्ट्री में रोबोट का इस्तेमाल करना सिर्फ सुरक्षित ही नहीं बल्कि टिकाऊ भी है। रोबोटिक्स में सेल्फ रिपेयरिंग मैकेनिज्म का इस्तेमाल होने से इनका महंगा और कठिन मेंटेनेंस बीते जमाने की बात हो जाएगी।
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