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Ghaziabad corona : 17 तक बंद किए गए स्कूल-कॉलेज, मॉल और मल्टिप्लेक्स में टोकन से एंट्री….जानें गाजियाबाद में कोरोना को लेकर क्या गाइडलाइंस

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गाजियाबादउत्तर प्रदेश में बढ़ते कोरोना वायरस को देखते हुए कई जिलों में नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। गाजियाबाद प्रशासन ने भी सभी शिक्षण संस्थान 17 अप्रैल तक बंद करने के आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा मॉल जाने वालों को बिना टोकन के एंट्री नहीं मिलेगा। प्रशासन ने कोरोना से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं और लोगों को ऐतिहात बरतने और अलर्ट रहने के लिए गाइडलाइंस भी जारी की हैं।गाजियाबाद डीएम अजय शंकर पांडेय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जिले के सभी शिक्षण संस्थाएं, स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर 17 अप्रैल तक बंद रहेंगे। हालांकि आदेश में कहा गया है कि जिन शिक्षण संस्थानों में परीक्षा और प्रैक्टिकल चल रहे हैं, वह परीक्षा के दिन खोले जा सकते हैं लेकिन क्लासेस लगाने और शिक्षण कार्य प्रतिबंधित है।मॉल और मल्टिप्लेक्स में टोकनकोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से मॉल व मल्टिप्लेक्स के लिए गाइडलाइंस जारी की गई हैं। ट्रांस हिंडन के मॉल में मैनेजमेंट की तरफ से थोड़ी सख्ती शुरू की गई है। इंदिरापुरम हैबिटेट सेंटर में टोकन देकर एंट्री की व्यवस्था शुरू की गई। कूपन पर लोगों के आने और जाने का समय भी लिखा जा रहा है। रजिस्टर में भी जानकारी दर्ज की जा रही है ताकि मालूम चल सके कि एक समय में कितने लोग मॉल व मल्टिप्लेक्स में हैं। बाकी मॉल मैनेजमेंट भी धीरे-धीरे ऐसी गाइडलाइंस लागू करने की बात कह रहे हैं। वहीं, ज्यादातर मॉल के अंदर रेस्तरां चलाने वाले लोग असहज महसूस कर रहे है। उनका कहना है कि कूपन सिस्टम से प्रशासन ग्राहकों की संख्या पर नजर रखना चाहता है। ऐसे सिस्टम से उनके कारोबार पर असर पड़ सकता है।बैंक्विट हॉल में बारी-बारी से बुलाएं मेहमानकूपन सिस्टम के अलावा कुछ और गाइडलांइस भी बताई गई हैं। मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो। मॉल में जहां बैंक्विट हैं, वहां अधिक लोग इकट्ठे न हो। बारी-बारी से मेहमानों को बुलाया जाए। मॉल, मल्टिप्लेक्स आदि में लिफ्ट का कम प्रयोग किया जाए। सभी जगह सैनिटाइजेशन की व्यवस्था कराई जाए। बिना मास्क आने वालों पर रोक रहे। किसी भी होटल में केरल व महाराष्ट्र से आने वाले लोगों की सूचना जिला प्रशासन को तत्काल दी जाए। कोविड मार्शल तैनात किए जाएं, ताकि आने वाले नागरिकों को कोरोना के संबंध में जागरूक किया जा सके। लिफ्ट व पार्किंग एरिया आदि की जांच होती रहे, ताकि एक साथ भीड़ न हो। फूड कोर्ट, रेस्तरां में लगे टीवी स्क्रीन पर कोविड-19 से बचाव के लिए सूचना दी जाए।2000 बेड रिजर्वसंक्रमण के फैलाव को रोकने से लेकर मरीजों के उपचार की पर्याप्त व्यवस्थाएं की जा रही हैं। जिले में फिलहाल सरकारी और निजी अस्पतालों को मिलाकर लगभग 2000 बेड हैं। सरकारी स्तर पर 40 और निजी अस्पतालों में 128 आईसीयू बेड हैं। जरूरत पड़ने पर सरकारी स्तर पर 1000 बेड बढ़ाए जा सकते हैं।गाजियाबाद में सामने आए 76 मरीजजिले में बुधवार को कोरोना संक्रमण के 76 नए मामलों की पुष्टि की गई है। इसके साथ ही 41 संक्रमित स्वस्थ हुए। जिले में अब तक 27709 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, इनमें से 27165 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। प्रशासनिक स्तर पर 102 मरीजों की मौत की पुष्टि की गई है। फिलहाल जिले में 442 संक्रमितों का विभिन्न अस्पतालों और होम आइसोलेशन में उपचार चल रहा है।यूपी में सामने आए 6,023 केसस्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 6,023 मरीज सामने आए। राजधानी लखनऊ में सबसे अधिक रेकॉर्ड तोड़ 1,333 नए केस सामने आए। यूपी में 40 मौते हुई हैं।प्राइवेट अस्पतालों में बेड रिजर्वपिछले साल जितने निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के इलाज की अनुमति दी गई थी, उन्हें अब फिर से चालू कर दिया गया है। फरवरी में इन निजी अस्पतालों को नॉन कोविड कर दिया गया था। पहले जिले में 14 निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों का उपचार चल रहा था, लेकिन अब 17 अस्पतालों में यह सुविधा मिलेगी। अगले 2 दिन में सभी निजी कोविड अस्पतालों को फुल स्ट्रेंथ के साथ काम करने का निर्देश दिया। इन अस्पतालों में पहले की तरह 20 प्रतिशत बेड स्वास्थ्य विभाग के लिए रिजर्व रहेंगे।पीक से निपटने के लिए ये हैं तैयारियांअधिकारियों के अनुसार अभी जो मामले सामने आ रहे हैं, उनमें 80 प्रतिशत से ज्यादा बिना लक्षण वाले हैं। इन्हें होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है। गंभीर मामलों का प्रतिशत लगभग 20 रहता है, इस साल यदि इसमें कुछ बढ़ोतरी होती है तो उसके लिए जिले में वेंटिलेटर वाले 168 आईसीयू की व्यवस्था है। इसमें बढ़ोती भी की जा सकती है। इसके अलावा सरकारी स्तर पर 30 एचएफएनसी, 15 बाईपेप मशीनों की व्यवस्था है। जिले में फिलहाल लगभग 2000 कोरोना बेड हैं, जिनकी संख्या जरूरत पड़ने पर 4000 तक बढ़ाई जा सकती है। जिले में दो मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 1000 से ज्यादा बेड की व्यवस्था है, उन्हें भी अलर्ट किया गया है।