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कोरोना के कहर के बीच परीक्षा कराने में जुटे अफसर

परीक्षा, पंचायत चुनाव व कोरोना महामारी के चक्रव्यूह में ”गौरव” फंसकर रह गया है। इसकी ओर किसी की सुध भी नहीं जा रही है। जहां धूमधाम व कार्यक्रमों के आयोजन कराने की योजना बनाई जानी थी वहां परीक्षा, चुनाव व कोरोना से निपटने के गुणा-भाग लगाए जा रहे हैं। परीक्षाएं तो कब होंगी इसकी भी जानकारी स्पष्ट नहीं हो पाई है। पंचायत चुनाव चार चरणों में होगा जिसकी तैयारियों में हर कोई, हर अधिकारी व हर महकमा जुट गया है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए कक्षा एक से आठ तक के स्कूल बंद कराए गए, नौवीं से 12वीं तक के कालेज बंद कराने पर विचार चल रहा है। हालांकि अभी लाकडाउन या कफ्र्यू की कोई योजना नहीं है लेकिन फिर से लोगों को घरों में कैद होने की आशंका सता रही है। ऐसे में ”गौरव” की ओर किसी न तो ध्यान जा रहा है और न ही कोई योजना ही बनाई जा रही है।

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) के अफसर कोरोना के कहर के बीच परीक्षा कराने के लिए अड़े हुए हैं। पिछले साल कोरोना के मामले बेहद कम थे तब परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया था लेकिन इस बार सर्वाधिक मामले आने के बाद भी परीक्षा कराने की तैयारी है। ये तब स्थिति है जब ज्यादातर स्कूलों के व्याख्याता, शिक्षक आदि कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।

वहीं कुछ शिक्षकों की ड्यूटी भी कोरोना पाजिटिव के कांट्रेक्ट ट्रेसिंग में लगी हुई है। जानकारों की मानें तो ऐसे हालात में कोरोना का संक्रमण और बढ़ सकता है। माशिमं के अफसर चाहें तो फिलहाल 10वीं की परीक्षा को टाल भी सकते हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण, लाकडाउन, कंटेनमेंट जोन के कारण अनुपस्थित परीक्षार्थियों को विशेष परीक्षा में बैठने की अनुमति होगी।

जानकारों की मानें ऐसे में जो मेधावी छात्र हैं यदि वे कोरोना संक्रमित हो गए तो उनको दिक्कत हो सकती है। बता दें कि 10वीं बोर्ड की परीक्षाएं 15 अप्रैल से एक मई तक तथा 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं तीन मई से 24 मई तक ऑफलाइन मोड में आयोजित होंगी।