भारतीय क्रिकेटर्स की जर्सी पर जल्द ही चीनी कंपनी ओप्पो की जगह बेंगलुरु की कंपनी बायजू का नाम दिखेगा। ओप्पो ने स्पॉन्सरशिप अधिकार ऑनलाइन ट्यूटोरियल फर्म बायजू को सौंपने का फैसला किया है। उसने 2017 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ 1079 करोड़ में पांच साल के लिए करार किया था। कंपनी को यह सौदा खर्चीला लग रहा है, इसलिए वह इस अधिकार को बायजू को सौंप रही है।
ओप्पो का नाम वेस्टइंडीज दौरे तक टीम इंडिया की जर्सी पर दिखेगा। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली सीरीज से बायजू का नाम जर्सी पर होगा। अफ्रीकी टीम तीन टी-20 और तीन टेस्ट खेलने के लिए भारत दौरे पर आएगी।
ओप्पो ने विवो को हराकर स्पॉन्सरशिप अधिकार जीता था
सूत्रों के मुताबिक यह सौदा ‘त्रिकोणीय सौदा’ होगा। यह ओप्पो, बायजू और बीसीसीआई के बीच गुरुवार को होगा। बीसीसीआई के एक पदाधिकारी के मुताबिक, ‘ओप्पो और बायजू स्पॉन्सरशिप पर आपस में बातचीत कर रहे हैं। प्रशासकों की समिति (सीओए) को इसकी सूचना दे दी गई है।’ मार्च 2017 में ओप्पो ने विवो को हराकर स्पॉन्सरशिप अधिकार जीता था। वीवो ने 768 करोड़ की बोली लगाई थी।
बोर्ड को हर द्विपक्षीय मुकाबलों में ओप्पो से 4.62 करोड़ रुपए मिलते हैं
सौदे के मुताबिक, बीसीसीआई को हर द्विपक्षीय मुकाबलों में ओप्पो से 4.62 करोड़ रुपए मिलते हैं। वहीं, आईसीसी के हर मुकाबलों में 1.56 करोड़ रुपए की कमाई होती है। स्पॉन्सरशिप के किसी भी ट्रांसफर के लिए कोई भी कंपनी बीसीसीआई को सूचना देती है। बायजू और ओप्पो ने अपने बातचीत की सूचना बीसीसीआई को दे दी है। इस समझौते के बाद बोर्ड को स्पॉन्सरशिप की कमाई पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बायजू को भी ओप्पो के बराबर पैसे देने होंगे।
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