प्रयागराज में जहरीली शराब का कहर : चार अन्य ग्रामीणों ने तोड़ा दम, छह दिनों के भीतर नौवीं मौत  – Lok Shakti

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प्रयागराज में जहरीली शराब का कहर : चार अन्य ग्रामीणों ने तोड़ा दम, छह दिनों के भीतर नौवीं मौत 

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क्षेत्र में रहस्यमय हालात में ग्रामीणों की मौत का सिलसिला लगातार छठवें दिन भी जारी रहा। रविवार को यहां छह घंटे के भीतर चार अन्य ग्रामीणों की मौत हो गई। इस तरह छह दिन के भीतर मृतकों की कुल संख्या नौ पर पहुंच गई। फिलहाल चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया गया है। मौतों की वजह क्या है, इस बाबत अफसर कुछ बोलने से बचते रहे। पिछले कई दिनों की तरह ही उनका जवाब फिर यही रहा कि जांच पड़ताल की जा रही है। छोटा जगापुर गांव निवासी रामआसरे (30) पुत्र कंधईलाल को एक दिन पहले हालत बिगडने पर अस्पताल ले जाया गया था। रविवार सुबह इलाज के दौरान सबसे पहले उसकी मौत हुई। 11 बजे के करीब उसने एसआरएन अस्पताल में दम तोड़ दिया। वह एक भट्ठे पर लेबर का काम करता था। कुछ देर बाद बड़ा जगापुर गांव में रहने वाले मनीराम साहू उर्फ नंदू(55) की हालत बिगड़ गई।परिजन उसे अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे  थे कि उसकी भी मौत हो गई। इसके बाद बड़ा जगापुर गांव के होरी लाल(45) पुत्र नथई ने भी दम तोड़ दिया। परिजनों के मुताबिक, रात से ही उसकी तबियत खराब थी और दोपहर में उसकी मौत हो गई। इससे पहले दोपहर 12.30 बजे के करीब बड़ा जगापुर गांव के खिन्नी धूरिया (30) पुत्र रामकैलाश धूरिया की भी सांसें थम गईं।  उधर गांव के ही सचिन(22) पुत्र महारानीदीन की भी रविवार दोपहर हालत बिगड़ गई। पूणे में रहने वाला सचिन कुछ दिन पहले ही घर आया था जो वहां होटल में काम करता था। परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया है। 
भाई बोला, शराब पीने के बाद बिगड़ी हालतपुलिस अफसर ग्रामीणों की मौत के कारण के बाबत कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं हैं। लेकिन एक मृतक रामआसरे के परिजनों का कहना है कि उसकी हालत शराब पीने के बाद बिगड़ी। एसआरएन अस्पताल में मौजूद भाई सुरेंद्र कुमारने बताया कि वह अपने भाई को तबियत बिगडने पर शनिवार दोपहर कौड़िहार स्थित निजी अस्पताल में ले गया। जहां डॉक्टरों ने बताया था कि उसने शराब पी है। सुधार न होने पर पांच बजे के करीब कौड़िहार सीएचसी ले जाया गया जहां से डॉक्टरों ने एसआरएन रेफर कर दिया। वहां काफी देर तक भर्ती नहीं किया गया और भाई की हालत बिगड़ती जा रही थी। जिस पर वह उसे फिर एक निजी अस्पताल ले गया जहां जांच के बाद उसे कोरोना संक्रमित बताकर वापस एसआरएन भेजा गया। डेढ़ घंटे बाद उसे भर्ती किया गया और तब तक उसकी हालत काफी बिगड़ चुकी थी। रविवार सुबह 11 बजे के करीब बताया गया कि रामआसरे की मौत हो चुकी है। 
रेलकर्मी समेत पांच की पहले गई थी जान
नवाबगंज में इससे पहले रेलकर्मी समेत पांच लोगों की मौत हो चुकी है। शहाबपुर गांव में मंगलवार को भूपेंद्र कुमार (52) जबकि वकील (45) और बाबू लाल (45) की मौत बृहस्पतिवार को हुई थी। शनिवार को भीटी पट्टी रजई गांव में रेलकर्मी अरविंद्र कुमार उर्फ पप्पू (30) और अतुल कुमार उर्फ मोनू(28) ने दम तोड़ दिया। दोनों शुक्रवार रात घर पहुंचे और फिर उनकी तबियत बिगड़ गई थी। 20 दिन बाद होनी थी बेटी की शादी ग्रामीणों की मौत से उनके परिवारों मेें कोहराम है। इनमें शामिल बड़ा जगापुर निवासी होरी लाल की बेटी ऊषा की शादी 20 दिन बाद होनी थी। वह बेटी की शादी की तैयारी में जुटा था। लेकिन नियति को शायद कुछ और ही मंजूर था। मौत की खबर सुनकर उसके घर के बाहर जुटे ग्रामीण यह चर्चा करते सुने गए कि आखिर अब उसकी बेटी के हाथ कैसे पीले होंगे। थाने में एक और इंस्पेक्टर की तैनाती उधर लगातार मौतों के बाद मचे हडक़ंप के दौरान रविवार को नवाबगंज थाने में एक अतिरिक्त इंस्पेक्टर की तैनाती कर दी गई। पुलिस लाइन से अवन कुमार दीक्षित को अपर प्रभारी निरीक्षक थाना नवाबगंज के पद पर तैनात किया गया है। गौरतलब है कि थाना कर्नलगंज में प्रभारी के पद पर तैनात रहे अवन को न्यायिक अधिकारी से अभद्रता के मामले में लाइन हाजिर किया गया था। उधर एसआई राजेश उपाध्याय को सरायइनायत थानाध्यक्ष तैनात किया गया है। एसओजी में तैनात राजेश शंकरगढ़ थानाध्यक्ष के तौर पर भी तैनात रह चुके हैं।

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क्षेत्र में रहस्यमय हालात में ग्रामीणों की मौत का सिलसिला लगातार छठवें दिन भी जारी रहा। रविवार को यहां छह घंटे के भीतर चार अन्य ग्रामीणों की मौत हो गई। इस तरह छह दिन के भीतर मृतकों की कुल संख्या नौ पर पहुंच गई। फिलहाल चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया गया है। मौतों की वजह क्या है, इस बाबत अफसर कुछ बोलने से बचते रहे। पिछले कई दिनों की तरह ही उनका जवाब फिर यही रहा कि जांच पड़ताल की जा रही है। 

छोटा जगापुर गांव निवासी रामआसरे (30) पुत्र कंधईलाल को एक दिन पहले हालत बिगडने पर अस्पताल ले जाया गया था। रविवार सुबह इलाज के दौरान सबसे पहले उसकी मौत हुई। 11 बजे के करीब उसने एसआरएन अस्पताल में दम तोड़ दिया। वह एक भट्ठे पर लेबर का काम करता था। कुछ देर बाद बड़ा जगापुर गांव में रहने वाले मनीराम साहू उर्फ नंदू(55) की हालत बिगड़ गई।

परिजन उसे अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे  थे कि उसकी भी मौत हो गई। इसके बाद बड़ा जगापुर गांव के होरी लाल(45) पुत्र नथई ने भी दम तोड़ दिया। परिजनों के मुताबिक, रात से ही उसकी तबियत खराब थी और दोपहर में उसकी मौत हो गई। इससे पहले दोपहर 12.30 बजे के करीब बड़ा जगापुर गांव के खिन्नी धूरिया (30) पुत्र रामकैलाश धूरिया की भी सांसें थम गईं।  उधर गांव के ही सचिन(22) पुत्र महारानीदीन की भी रविवार दोपहर हालत बिगड़ गई। पूणे में रहने वाला सचिन कुछ दिन पहले ही घर आया था जो वहां होटल में काम करता था। परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया है। 

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भाई बोला, शराब पीने के बाद बिगड़ी हालतपुलिस अफसर ग्रामीणों की मौत के कारण के बाबत कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं हैं। लेकिन एक मृतक रामआसरे के परिजनों का कहना है कि उसकी हालत शराब पीने के बाद बिगड़ी। एसआरएन अस्पताल में मौजूद भाई सुरेंद्र कुमारने बताया कि वह अपने भाई को तबियत बिगडने पर शनिवार दोपहर कौड़िहार स्थित निजी अस्पताल में ले गया। जहां डॉक्टरों ने बताया था कि उसने शराब पी है। सुधार न होने पर पांच बजे के करीब कौड़िहार सीएचसी ले जाया गया जहां से डॉक्टरों ने एसआरएन रेफर कर दिया। वहां काफी देर तक भर्ती नहीं किया गया और भाई की हालत बिगड़ती जा रही थी। जिस पर वह उसे फिर एक निजी अस्पताल ले गया जहां जांच के बाद उसे कोरोना संक्रमित बताकर वापस एसआरएन भेजा गया। डेढ़ घंटे बाद उसे भर्ती किया गया और तब तक उसकी हालत काफी बिगड़ चुकी थी। रविवार सुबह 11 बजे के करीब बताया गया कि रामआसरे की मौत हो चुकी है। 

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रेलकर्मी समेत पांच की पहले गई थी जान
नवाबगंज में इससे पहले रेलकर्मी समेत पांच लोगों की मौत हो चुकी है। शहाबपुर गांव में मंगलवार को भूपेंद्र कुमार (52) जबकि वकील (45) और बाबू लाल (45) की मौत बृहस्पतिवार को हुई थी। शनिवार को भीटी पट्टी रजई गांव में रेलकर्मी अरविंद्र कुमार उर्फ पप्पू (30) और अतुल कुमार उर्फ मोनू(28) ने दम तोड़ दिया। दोनों शुक्रवार रात घर पहुंचे और फिर उनकी तबियत बिगड़ गई थी। 20 दिन बाद होनी थी बेटी की शादी ग्रामीणों की मौत से उनके परिवारों मेें कोहराम है। इनमें शामिल बड़ा जगापुर निवासी होरी लाल की बेटी ऊषा की शादी 20 दिन बाद होनी थी। वह बेटी की शादी की तैयारी में जुटा था। लेकिन नियति को शायद कुछ और ही मंजूर था। मौत की खबर सुनकर उसके घर के बाहर जुटे ग्रामीण यह चर्चा करते सुने गए कि आखिर अब उसकी बेटी के हाथ कैसे पीले होंगे। थाने में एक और इंस्पेक्टर की तैनाती उधर लगातार मौतों के बाद मचे हडक़ंप के दौरान रविवार को नवाबगंज थाने में एक अतिरिक्त इंस्पेक्टर की तैनाती कर दी गई। पुलिस लाइन से अवन कुमार दीक्षित को अपर प्रभारी निरीक्षक थाना नवाबगंज के पद पर तैनात किया गया है। गौरतलब है कि थाना कर्नलगंज में प्रभारी के पद पर तैनात रहे अवन को न्यायिक अधिकारी से अभद्रता के मामले में लाइन हाजिर किया गया था। उधर एसआई राजेश उपाध्याय को सरायइनायत थानाध्यक्ष तैनात किया गया है। एसओजी में तैनात राजेश शंकरगढ़ थानाध्यक्ष के तौर पर भी तैनात रह चुके हैं।