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Prayagraj Panchayat chunav : बुलेट सवार लेकर भागा प्रधानी के नामांकन का पर्चा, इंसपेक्टर लाइन हाजिर 

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बहादुरपुर विकास खंड के धरौली ग्रामसभा से प्रधानी पद के लिए नामांकन करने जा रहे प्रत्याशी से बुलेट सवार दबंग उसका पर्चा लेकर भाग गए। वारदात शनिवार की है। भुक्तभोगी शिकायत लेकर सरायइनायत थाने पहुंचा तो आरोप है कि थानेदार ने उसे फटकार कर  भगा दिया। देर रात को मामला निर्वाचन आयोग के साथ ही पुलिस और प्रशासन के आला अफसरों तक पहुंचा तो रातों-रात सरायइनायत इंसपेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया गया। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। भुुक्तभोगी ने अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है।  बहादुरपुर विकास खंड के धरौली ग्रामसभा से राममूरत को भी पर्चा दाखिल करना था। शनिवार को वह पूरी तैयारी के साथ छोटे भाई हरीलाल और शंकरालाल के साथ पर्चा दाखिल करने विकास खंड कार्यालय पहुंचा था। राममूरत ब्लाक कार्यालय के सामने से पर्चा लेकर भीतर प्रवेश कर ही रहा था कि एक युवक मास्क लगाए उसके पास आया और पर्चे की मूल कॉपी छीनकर भागने लगा।
कुछ ही दूर पर उसका दूसरा साथी बुलेट स्टार्ट कर मौजूद था। पर्चा छीनने के बाद युवक दोस्त की की बुलेट पर बैठा और दोनों वहां से फरार हो गए। राममूरत ने शोर मचाया तो आसपास मौजूद लोग वहां पहुंचे। हालांकि तब तक बुलेट सवार आंखों से ओझल हो चुके थे। भुक्तभोगी राममूरत अपनी शिकायत लेकर सरायइनायत थाने पहुंचा तो आरोप है कि इंसपेक्टर संजय द्विदेदी ने उसे फटकार कर भगा दिया। देर शाम को भुक्तभोगी ने जिला निर्वाचन आयोग, पुलिस और प्रशासन के आला अफसरों के साथ ही शासन तक से ट़्वीटर पर शिकायत की। इससे अफसरों में हड़कंप मच गया।देर रात को ही लापरवाही बरतने के आरोप में इंसपेक्टर संजय को लाइन हाजिर कर दिया गया। एसआई राजेश उपाध्याय को थाने की कमान दी गई है। पूरे मामले की जांच भी कराई जा रही है। भुक्तभोगी राममूरत की ओर से अज्ञात आरोपियों के खिलाफ सीओ फूलपुर को तहरीर दी गई है। बता दें कि बहादुरपुर विकास खंड के इसी ग्रामसभा से प्रधानी पद के लिए हंडिया के पूर्व विधायक प्रशांत सिंह की मां भी चुनावी मैदान में हैं। 
एसडीएम और सीओ की मौजूदगी में राममूरत ने किया गया नामांकन  
नामांकन भरने के दूसरे दिन रविवार को धरौली ग्रामसभा के प्रधान पद प्रत्याशी राममूरत ने एसडीएम फूलपुर युवराज सिंह और सीओ फूलपुर रामसागर की मौजूदगी में नामांकन किया। प्रत्याशी राममूरत ने दोबारा पर्चा लिया और सारी औपचारिकता पूरी कर उसे दाखिल किया। राममूरत का आरोप है कि उसका नामांकन पत्र हंडिया के पूर्व विधायक प्रशांत सिंह के इशारे पर उनकी मां शकुंतला देवी को निर्विरोध प्रधान बनाने के लिए छीना गया है।राममूरत का आरोप है कि 2010 के पंचायत चुनाव में भी उसे पर्चा दाखिल करने से रोकने का प्रयास किया गया था। नहीं मानने पर चुनाव बाद दो नवंबर 2010 को गांव में फायरिंग और जमकर मारपीट हुई थी। मारपीट में  कई लोग जख्मी हुए थे। घटना में पुलिस ने दोनों पक्ष की ओर से क्रॉस रिपोर्ट दर्ज की थी। उस वक्त हंडिया के पूर्व विधायक स्वर्गीय महेश नारायण सिंह, उनके भाई हरिनारायण सिंह समेत परिवार के कई लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया था। दूसरे पक्ष के भी कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। गांव में कई दिनों तक पीएसी भी तैनात रही थी। पूर्व विधायक प्रशांत ने आरोपों को बताया निराधार हंडिया के पूर्व विधायक प्रशांत सिंह ने राममूरत की ओर से लगाए गए आरोपों को निराधार और राजनैतिक आरोपों से प्रेरित बताया है। उनका कहना है कि यह सब चुनावी प्रोपोगंडा है। कहा कि आज के वक्त में कौन किसे चुनाव लड़ने से रोक सकता है। इसी तरह से 2010 में भी प्रोपोगंडा किया गया था। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। सच सामने आ जायेगा।

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बहादुरपुर विकास खंड के धरौली ग्रामसभा से प्रधानी पद के लिए नामांकन करने जा रहे प्रत्याशी से बुलेट सवार दबंग उसका पर्चा लेकर भाग गए। वारदात शनिवार की है। भुक्तभोगी शिकायत लेकर सरायइनायत थाने पहुंचा तो आरोप है कि थानेदार ने उसे फटकार कर  भगा दिया। देर रात को मामला निर्वाचन आयोग के साथ ही पुलिस और प्रशासन के आला अफसरों तक पहुंचा तो रातों-रात सरायइनायत इंसपेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया गया। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। भुुक्तभोगी ने अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है।  

बहादुरपुर विकास खंड के धरौली ग्रामसभा से राममूरत को भी पर्चा दाखिल करना था। शनिवार को वह पूरी तैयारी के साथ छोटे भाई हरीलाल और शंकरालाल के साथ पर्चा दाखिल करने विकास खंड कार्यालय पहुंचा था। राममूरत ब्लाक कार्यालय के सामने से पर्चा लेकर भीतर प्रवेश कर ही रहा था कि एक युवक मास्क लगाए उसके पास आया और पर्चे की मूल कॉपी छीनकर भागने लगा।

पंचायत चुनाव।
– फोटो : amar ujala

कुछ ही दूर पर उसका दूसरा साथी बुलेट स्टार्ट कर मौजूद था। पर्चा छीनने के बाद युवक दोस्त की की बुलेट पर बैठा और दोनों वहां से फरार हो गए। राममूरत ने शोर मचाया तो आसपास मौजूद लोग वहां पहुंचे। हालांकि तब तक बुलेट सवार आंखों से ओझल हो चुके थे। भुक्तभोगी राममूरत अपनी शिकायत लेकर सरायइनायत थाने पहुंचा तो आरोप है कि इंसपेक्टर संजय द्विदेदी ने उसे फटकार कर भगा दिया। देर शाम को भुक्तभोगी ने जिला निर्वाचन आयोग, पुलिस और प्रशासन के आला अफसरों के साथ ही शासन तक से ट़्वीटर पर शिकायत की। इससे अफसरों में हड़कंप मच गया।देर रात को ही लापरवाही बरतने के आरोप में इंसपेक्टर संजय को लाइन हाजिर कर दिया गया। एसआई राजेश उपाध्याय को थाने की कमान दी गई है। पूरे मामले की जांच भी कराई जा रही है। भुक्तभोगी राममूरत की ओर से अज्ञात आरोपियों के खिलाफ सीओ फूलपुर को तहरीर दी गई है। बता दें कि बहादुरपुर विकास खंड के इसी ग्रामसभा से प्रधानी पद के लिए हंडिया के पूर्व विधायक प्रशांत सिंह की मां भी चुनावी मैदान में हैं। 

prayagraj news : हंडिया के पूर्व विधायक प्रशांत सिंह।
– फोटो : prayagraj

एसडीएम और सीओ की मौजूदगी में राममूरत ने किया गया नामांकन  
नामांकन भरने के दूसरे दिन रविवार को धरौली ग्रामसभा के प्रधान पद प्रत्याशी राममूरत ने एसडीएम फूलपुर युवराज सिंह और सीओ फूलपुर रामसागर की मौजूदगी में नामांकन किया। प्रत्याशी राममूरत ने दोबारा पर्चा लिया और सारी औपचारिकता पूरी कर उसे दाखिल किया। राममूरत का आरोप है कि उसका नामांकन पत्र हंडिया के पूर्व विधायक प्रशांत सिंह के इशारे पर उनकी मां शकुंतला देवी को निर्विरोध प्रधान बनाने के लिए छीना गया है।राममूरत का आरोप है कि 2010 के पंचायत चुनाव में भी उसे पर्चा दाखिल करने से रोकने का प्रयास किया गया था। नहीं मानने पर चुनाव बाद दो नवंबर 2010 को गांव में फायरिंग और जमकर मारपीट हुई थी। मारपीट में  कई लोग जख्मी हुए थे। घटना में पुलिस ने दोनों पक्ष की ओर से क्रॉस रिपोर्ट दर्ज की थी। उस वक्त हंडिया के पूर्व विधायक स्वर्गीय महेश नारायण सिंह, उनके भाई हरिनारायण सिंह समेत परिवार के कई लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया था। दूसरे पक्ष के भी कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। गांव में कई दिनों तक पीएसी भी तैनात रही थी। पूर्व विधायक प्रशांत ने आरोपों को बताया निराधार हंडिया के पूर्व विधायक प्रशांत सिंह ने राममूरत की ओर से लगाए गए आरोपों को निराधार और राजनैतिक आरोपों से प्रेरित बताया है। उनका कहना है कि यह सब चुनावी प्रोपोगंडा है। कहा कि आज के वक्त में कौन किसे चुनाव लड़ने से रोक सकता है। इसी तरह से 2010 में भी प्रोपोगंडा किया गया था। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। सच सामने आ जायेगा।