बीएचयू के प्राचीन इतिहास, पुरातत्व विभाग की ओर से कराई जा रही खोदाई कभी भी ठप हो सकती है। वाराणसी में राजातालाब, चंदौली के माटी गांव में चल रही खोदाई के लिए बजट न मिलना इसकी मुख्य वजह है। विभागाध्यक्ष ने इसके लिए एएसआई के साथ ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर खोदाई के लिए बजट जारी कराने की मांग की है।बीएचयू की टीम की ओर से पिछले साल ही बभनियांव और चंदौली के माटीगांव में एक साथ खोदाई का काम शुरू कराया गया था। पिछले साल मार्च से शुरू खोदाई जून-जुलाई तक चली, इसके बाद बारिश और कोरोना संक्रमण की वजह से काम रुक गया था। अब एक बार फिर शिवरात्रि से दोनों जगहों पर खोदाई का काम चल रहा है। इस दौरान बभनियांव में गुप्तकालीन मंदिर, प्रदक्षिणा पथ, ताम्रपाषाणकालीन मिट्टी के लाल, काले बर्तन सहित अन्य कई पुरावशेष मिल चुके हैं। अब इस कार्य में बजट रोड़ा बन गया है। इसके लिए विभागाध्यक्ष की ओर से स्थानीय स्तर पर बहुत प्रयास किए गए हैं, जब बात नहीं बनी तो मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर बजट दिलवाने की मांग की है। बताया कि काशी के दक्षिणी हिस्से में खोदाई में कई पुरावशेष मिले हैं, इसे काशी की प्राचीन विरासत हैं। इस बारे में सरकार से बजट की मांग की गई है।प्रधानमंत्री को भी बताएंगे खोदाई की हकीकत
प्राचीन इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो. ओएन सिंह के मुताबिक कई बार प्रयास के बाद अब तक बजट पर कोई फैसला नहीं हो सका है। लिहाजा मुख्यमंत्री को तो पत्र भेजा जा चुका है लेकिन अगर जल्द ही कोई कार्रवाई नहीं हुई तो काशी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर खोदाई से जुड़ी हकीकत बताई जाएगी। इसमें अब तक मिलने वाले अहम पुरावशेषों की जानकारी के साथ ही बजट की वस्तुस्थिति से भी अवगत कराया जाएगा।
बीएचयू के प्राचीन इतिहास, पुरातत्व विभाग की ओर से कराई जा रही खोदाई कभी भी ठप हो सकती है। वाराणसी में राजातालाब, चंदौली के माटी गांव में चल रही खोदाई के लिए बजट न मिलना इसकी मुख्य वजह है। विभागाध्यक्ष ने इसके लिए एएसआई के साथ ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर खोदाई के लिए बजट जारी कराने की मांग की है।
बीएचयू की टीम की ओर से पिछले साल ही बभनियांव और चंदौली के माटीगांव में एक साथ खोदाई का काम शुरू कराया गया था। पिछले साल मार्च से शुरू खोदाई जून-जुलाई तक चली, इसके बाद बारिश और कोरोना संक्रमण की वजह से काम रुक गया था। अब एक बार फिर शिवरात्रि से दोनों जगहों पर खोदाई का काम चल रहा है। इस दौरान बभनियांव में गुप्तकालीन मंदिर, प्रदक्षिणा पथ, ताम्रपाषाणकालीन मिट्टी के लाल, काले बर्तन सहित अन्य कई पुरावशेष मिल चुके हैं। अब इस कार्य में बजट रोड़ा बन गया है। इसके लिए विभागाध्यक्ष की ओर से स्थानीय स्तर पर बहुत प्रयास किए गए हैं, जब बात नहीं बनी तो मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर बजट दिलवाने की मांग की है। बताया कि काशी के दक्षिणी हिस्से में खोदाई में कई पुरावशेष मिले हैं, इसे काशी की प्राचीन विरासत हैं। इस बारे में सरकार से बजट की मांग की गई है।
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