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होलिका दहन में केवल 5 लोग ही शामिल हो सकेंगे। इस एक लाइन ने, उस स्थल की रौनक छीन ली, जहां होलिका दहन होता है। नगाड़े नहीं बजाए जा सकेंगे, जैसे आदेश ने होली के बढ़ते कदमों पर ब्रेक लगा दिया है तो धारा 144 ने रंग-गुलाल की रंगत फीकी कर दी है। अब बचे मंदिर और देवालय, तो यहां भी सन्नाटा तेजी से फैलता नजर आ रहा है।
बीते बरस जैसे-तैसे करके कोरोना ने होली मनाने दिया लेकिन इस बार का यह पर्व मनाने का मौका उसने छीन लिया है। एक बार फिर से संक्रमण का बढ़ता सैलाब, कड़ाई के लिए मजबूर कर चुका है। मजबूरी, त्योहार, पर्व और शादी की धूम, पूरी तरह से गायब होने के रूप में दिखाई देने लगी है। शोक के पल भी, गिने-चुने लोगों के बीच बिताए जा सकेंगे। रही बात बाजार की तो, संभलने की तैयारी में जुटा यह क्षेत्र फिर से जमीन पर आ चुका है।
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