मार्च तिमाही के नतीजों के बाद फाइनेंशल, कन्ज्यूमर, ग्रेफाइट के अलावा चुनिंदा टेलिकॉम कंपनियों के टारगेट प्राइसेज में सबसे ज्यादा कटौती की गई। सीमेंट और एविएशन कंपनियों के टारगेट प्राइसेज में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी की गई। बीएसई 500 में शामिल उन कंपनियों के डेटा पर नजर डालें, जिन्हें ब्लूमबर्ग के कम से कम पांच ऐनालिस्ट्स कवर कर रहे हैं तो पता चलता है कि फिलिप कार्बन ब्लैक, सीजी पावर, दीवान हाउसिंग फाइनैंस कॉर्पोरेशन, जैन इरिगेशन सिस्टम्स, स्टरलाइट टेक्नॉलजीज, यस बैंक, जुबिलंट लाइफ साइंसेज, इडलवाइज फाइनैंशल सर्विसेज और वोडाफोन इंडिया के कंसेंसस टारगेट प्राइसेज में 18-40 प्रतिशत तक कमी की गई। डीएचएफएल पर नॉन-बैंकिंग फाइनेंशल कंपनीज सेगमेंट में लिक्विडिटी क्राइसिस की आंच आई, वहीं यस बैंक ने मार्च तिमाही में ज्यादा प्रविजनिंग के कारण घाटा दर्ज किया। यह यस बैंक का अब तक का पहला तिमाही घाटा था। मार्केट शेयर के हिसाब से देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को चलाने वाली इंटरग्लोब एविएशन का कंसेंसस टारगेट प्राइस 29 प्रतिशत बढ़ाकर 1,310.30 रुपए कर दिया गया। ऐसा जेट एयरवेज (इंडिया) का कामकाज बंद होने से इंडिगो को हो रहे फायदे के चलते किया गया। स्पाइसजेट पर भी ऐनालिस्ट्स बुलिश होते दिख क्योंकि उसे भी जेट एयरवेज के परेशानी में घिरने से फायदा हो सकता है। स्पाइसजेट के लिए कंसेंसस टारगेट प्राइस पहली अप्रैल से 37 प्रतिशत बढ़ाकर 111.29 रुपए कर दिया गया।
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