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सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने का निर्देश, जरुरत हो तो पुलिस की मदद लें राजस्व अधिकारी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी कुशीनगर को निर्देश दिया है कि वह दुधही गांव पड़रौन महुरही तमखुईराज तहसील में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत की जांच कर कार्रवाई करें। यदि आवश्यकता हो तो अतिक्रमण कारियों के खिलाफ पुलिस की मदद ली जाए और अतिक्रमण करने वालों से मुआवजा भी वसूला जाए। मनोज कुमार जायसवाल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति संजय यादव और न्यायमूर्ति अजय भनोट की पीठ ने दिया है। याची का कहना है कि दुधही गांव में कई लोगों ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर निर्माण कर लिया है जिसे हटवाया जाए। कोर्ट ने डीएम को निर्देश दिया है कि वह इस याचिका को प्रत्यावेदन के रूप में स्वीकार करते हुए मामले की जांच करें। और यदि शिकायत सही पाई जाती है तो कानून के तहत अतिक्रमण हटाने का आदेश पारित करें। यदि डीएम को इस काम में कोई दिक्कत आती हैै तो वह इस अदालत में अपनी रिपोर्ट दाखिल करें ताकि निर्देश जारी किए जा सकें। कोर्ट ने राजस्व अधिकारियों से भी कहा है कि यदि वह अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करते हैं और अतिक्रमण करने वालों की ओर से कोई बाधा या धमकी दी जाती है तो एसपी कुशीनगर से पुलिस की मदद मांगे। कोर्ट ने एसपी को निर्देश दिया है कि राजस्व अधिकारियों की मांग पर उनको पर्याप्त फोर्स उपलब्ध कराना सुनिश्चिचत करें। कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि प्रभावित लोगों का पक्ष भी सुना जाए। और यदि कोई व्यक्ति डीएम के आदेश से व्यथित है तो वह सक्षम क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय में जा सकता है। इसके लिए कार्रवाई करने से पूर्व प्रभावित पक्ष को एक सप्ताह का समय दिया जाए।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी कुशीनगर को निर्देश दिया है कि वह दुधही गांव पड़रौन महुरही तमखुईराज तहसील में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत की जांच कर कार्रवाई करें। यदि आवश्यकता हो तो अतिक्रमण कारियों के खिलाफ पुलिस की मदद ली जाए और अतिक्रमण करने वालों से मुआवजा भी वसूला जाए। मनोज कुमार जायसवाल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति संजय यादव और न्यायमूर्ति अजय भनोट की पीठ ने दिया है।